नशे पर नकेल कसने के लिए सरकार ने नई रणनीति तैयार की है। सीएम भगवंत मान के आदेश पर प्रदेश में नशे पर लगाम लगाने के लिए स्टीयरिंग कमेटी गठित की है। यह कमेटी मुख्य सचिव केएपी सिन्हा की अगुआई में गठित की गई है। इस कमेटी का नोडल ऑफिसर प्रमुख सचिव राहुल तिवारी को बनाया गया है। युवाओं को विशेषकर नाबालिगों को नशे की लत से दूर रखने के लिए और अगर कोई नशा का सेवन कर रहा है, उसे इस जाल से बाहर निकालने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
प्रदेश के हर जिला में इस स्टीयरिंग कमेटी के तहत सब कमेटी गठित की जाएंगी, जोकि जिला स्तर पर अलग-अलग प्रोग्राम के जरिये युवाओं को नशे से दूर रखने में मदद करेगी। इस पर बकायदा स्टीयरिंग कमेटी की ओर से पॉलिसी बनाई जाएगी। इस पॉलिसी की वर्किंग में पुलिस, एनजीओ और सरकार के तमाम विभागों को शामिल किया जाएगा। पंजाब पुलिस के कम्युनिटी विंग में भी इसमें सहयोग दिया जाएगा। राज्य में इस समय 303 नशा मुक्ति केंद्र व पुनर्वास केंद्र हैं।
लुधियाना में महिलाओं के लिए केंद्र हो रहा स्थापित
नई नीति की प्रारंभिक रूपरेखा अनुसार कई चीजों पर मंथन चल रहा है। शिक्षण संस्थानों में नशों का रुझान रोकने के लिए जागरूकता आधारित कार्यक्रम पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे। इसी तरह महिलाओंको नशा छुड़वाने व पुनर्वास के लिए लुधियाना में क्लीनिक स्थापित किया रहा है। पिछले समय में नशा तस्करों के खिलाफ मुहिम चलाई गई। वहीं अब नशों से निपटने के इंतजामों पर योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा शिक्षा विभाग की तरफ से उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।