कनाडा सरकार ने भारतीयों को दिया एक और झटका : बच्चों के पास रहने के लिए अभिभावकों नहीं मिलेगी पीआर

कनाडा सरकार ने भारतीयों को एक और झटका दिया है। बच्चों के पास रहने के लिए अभिभावकों अब कनाडा सरकार पीआर नहीं देगी। इस फैसले का असर सबसे ज्यादा पंजाबियों पर पड़ा है।

आव्रजन के लिए एक और सख्त कदम उठाते हुए, कनाडा की संघीय सरकार अब 2025 में स्थायी निवास के लिए माता-पिता और दादा-दादी को प्रायोजित करने वाले नए आवेदन स्वीकार नहीं करेगी। इसका सबसे बड़ा असर पंजाबी मूल के लोगों पर होगा। खासकर उन लोगों पर जो अपने बच्चों के पास कनाडा में रहकर जिंदगी बसर करने का सपना संजो रहे थे।

कनाडा में रहने वाले पीआर धारक अपने माता-पिता या दादा-दादी का आवेदन नहीं कर सकेंगे। उनको टूरिस्ट व सुपर वीजा पर बुलाया जा सकेगा लेकिन पीआर का आवेदन नहीं लगेगा। आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) ने घोषणा की है कि 2025 के दौरान, कनाडा केवल माता-पिता और दादा-दादी कार्यक्रम (पीजीपी) के तहत किए गए पारिवारिक प्रायोजन आवेदनों पर ही कार्रवाई करेगा, जो 2024 में प्रस्तुत किए गए थे। आईआरसीसी का इरादा 2025 तक अधिकतम 15,000 प्रायोजन आवेदनों पर कार्रवाई करने का है।

पीजीपी कार्यक्रम आपको अपने माता-पिता और दादा-दादी को कनाडा का स्थायी निवासी बनने के लिए प्रायोजित करने की अनुमति देता है। पीजीपी के अंतर्गत, आप उन लोगों को, जिन्हें आप प्रायोजित कर रहे हैं (आपके माता-पिता और दादा-दादी तथा उनके साथ आने वाले परिवार के सदस्य, यदि लागू हो) कुछ समय तक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, भले ही आपकी स्थिति बदल जाए।

2023 में प्रकाशित पूर्ववर्ती आव्रजन स्तर योजना में, आईआरसीसी ने 2024 के लिए 32,000 और 2025 के लिए 34,000 का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन अचानक फरमान लागू कर दिया है। 2025 में पीजीपी कार्यक्रम के तहत आवेदन स्वीकार नहीं होगा। सरकार 2024 का बैकलॉग क्लीयर करेगी।आईआरसीसी ने 2025 के लिए स्थायी निवासी लक्ष्य में 20 फीसदी की कटौती की है। इस कटौती में पीजीपी के तहत लैंडिंग के लिए आवंटन में कमी शामिल है।कनाडा के एडमिंटन में रहने वाले इमिग्रेशन एक्सपर्ट परविंदर सिंह मोंटू का कहना है कि कनाडा के पास पीआर लेने वालों की लंबी कतार है। पीआर लेने के बाद सोशल सिक्योरिटी की सारी जिम्मेदारी कनाडा सरकार की बन जाती है। हेल्थ हो या आवास, सारी जिम्मेदारी कनाडा सरकार के कंधों पर आ जाती है। पिछले दस सालों में लाखों विद्यार्थी कनाडा आकर पीआर लेने में कामयाब हुए हैं। अब वह पीजीपी के तहत माता-पिता या दादा-दादी को कनाडा में पीआर दिला रहे थे। इससे कनाडा में इमिग्रेशन की संख्या में काफी इजाफा हो रहा था और सरकार पर अतिरिक्त बोझ भी। अभी 2024 के आवेदन ही पेंडिंग चल रहे हैं। 2025 में सरकार ने पीजीपी ( पेरेंट्स ग्रैंड पेरेंटस) प्रोग्राम पर अस्थायी रोक लगा दी है।

Share This Article
Leave a comment