पांच साल की हार के बाद, राहुल वशिष्ठ बने विश्व चैंपियन: असफलता से सफलता की प्रेरणादायक कहानी”

अखंड केसरी ब्यूरो:-गुरदासपुर के युवा राहुल वशिष्ठ की कहानी असफलता से सफलता की ओर बढ़ते हुए संकल्प और दृढ़ निश्चय की प्रेरणा देती है। लगातार पांच साल तक पावर वेटलिफ्टिंग में हार का सामना करने के बावजूद, राहुल ने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और दृढ़ता के बल पर अंततः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की। रूस में आयोजित ओपन टूर्नामेंट में उन्होंने पावरलिफ्टिंग के विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया, जिसमें उन्होंने तीन स्वर्ण पदक जीते। यही नहीं, राहुल ने सबसे ज्यादा वजन उठाकर ‘स्ट्रॉन्गेस्ट मैन ऑफ द वर्ल्ड’ का खिताब भी हासिल किया। पांच सालों से हार का सामना करने वाले राहुल ने अब तक विभिन्न पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में 25 पदक जीतकर अपनी क्षमता का परिचय दिया है और अब उनकी नजरें 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों पर हैं। विश्व चैंपियन का ताज पहनकर गुरदासपुर लौटे राहुल की यह कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि एक पड़ाव है जो आपको मजबूत और सफल बनने की दिशा में आगे बढ़ाता है। राहुल की इस यात्रा ने न केवल उनके परिवार और शहर का नाम रोशन किया है, बल्कि उन सभी को उम्मीद और हौसला दिया है जो अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

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