3 साल पुराने मामले में मोहाली कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई को बरी कर दिया है। मामला स्टूडेंट के घर में घुस कर उसके साथ मारपीट और फायरिंग का था। इस मामले में लॉरेंस समेत तीन आरोपी साक्ष्यों के आधार पर बरी हुए हैं।
मोहाली/संवाद न्यूज
घर में घुसकर फायरिंग करने और तलवारों से हमला करने के एक मामले में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई समेत तीन आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। लॉरेंस के अलावा बरी हुए दोनों आरोपियों की पहचान नवप्रीत सिंह उर्फ नित्तर व तरसेम सिंह उर्फ साहिबा के रूप में हुई है।
तीनों के खिलाफ पांच फरवरी वर्ष 2011 को मोहाली के फेज-8 थाने में तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 452, 506, 324, 148, 149, 336 व आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54, 59 के तहत मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर के मुताबिक, 4 फरवरी 2011 की रात डेढ़ बजे सतविंदर सिंह उर्फ सत्तू निवासी गांव जलवेड़ा (सरहिंद) जिला फतेहगढ़ साहिब के कमरे में घुसकर उन पर हमला किया गया था। सतविंदर उस समय खालसा कॉलेज सेक्टर-26 चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा था और अपने एक दोस्त संजय शर्मा उर्फ मनी के साथ मोहाली के सेक्टर-69 में किराए के मकान में रह रहा था।
वारदात वाली रात को सतविंदर अपने एक दोस्त केविन सुशांत के साथ कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था। इसी दौरान रात डेढ़ बजे बोलेरो में सवार होकर छह हथियारदबंद युवक पहुंचे और उनसे दरवाजा खुलवाकर कमरे के अंदर घुस गए। आरोप के मुताबिक, हमलावरों में से एक युवक नवप्रीत सिंह उर्फ नित्तर के पास पिस्तौल, जैजी के पास किरपाण, तरसेम सिंह उर्फ साहिबा के पास पत्ती वाली तलवार और लॉरैंस के पास भी किरपाण थी।
अंदर आते ही वे गालियां निकालने लगे। इस बीच जैजी ने सतविंदर के एक हाथ और लाॅरेंस ने दूसरे हाथ पर किरपाण से वार किया जबकि साहिबा ने पीठ पर तलवार मारी। केविन सुशांत ने बीच-बचाव किया। नित्तर ने पिस्तौल से एक फायर भी किया। बाद में हमलावर धमकियां देते हुए फरार हो गए। इस केस की सुनवाई मोहाली की जिला अदालत में चल रही थी।
मोहाली कोर्ट वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हुई लाॅरेंस की पेशी
सुनवाई के दाैरान लॉरेंस को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत के समक्ष पेश किया गया। इससे पहले 21 अक्तूबर को हुई मामले की सुनवाई के दाैरान लॉरेंस को जेल अधिकारियों की ओर से न्यायालय में पेश नहीं किया गया था तब जेल अधिकारियों को आरोपी को 24 अक्तूबर को वीसी के माध्यम से न्यायालय में पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किए गए थे। वहीं, केविन सुशांत नामक गवाह से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उसका फोन बंद मिला। वह भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। गवाह एएसआई जसपाल सिंह उर्फ बिल्ला को जो समन जारी किए गए थे, वह वापस आ गए। पता चला कि उक्त गवाह का तबादला कर दिया गया है। उक्त गवाह को भी 24 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किए गए थे, लेकिन वह पेश नहीं हुए। वीरवार को सुनवाई के दौरान गवाह पेश न होने के चलते व सबूतों के आभाव में लॉरेंस सहित तीनों को बरी कर दिया गया।


