खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाल के आमरण अनशन को एसकेएम का समर्थन मिलते ही हरियाणा और उत्तर प्रदेश की किसान जत्थेबंदियों ने मोर्चे की ओर मुंह मोड़ लिया है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तमाम एसोसिएशन अपना समर्थन और सहयोग देने के लिए पहुंच रही हैं।
खनौरी/संवाद न्यूज एजेंसी
सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 47 दिनों से आमरण अनशन पर खनौरी बॉर्डर पर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने भी अब सरकार के आगे शहादत की जिद्द पकड़ ली है। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में कोहरे की सफेद चादर से लिपटे खनौरी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और यहां तक कि जिला गुरदासपुर के तहसील डेरा बाबा नानक के गांव शकरी के रहने वाले 15 साल के अजय प्रताप सिंह जैसी नई युवा पीढ़ी भी अपने गुरु श्री तेग बहादुर जी के पदचिह्नों पर चलते हुए आंदोलन का हिस्सा बन रही है। यह हौसला, विचारधारा और बलिदान होने के मनसूबों को देखकर कोई भी आसानी से कह सकता है कि यह आंदोलन यहीं थमने वाला नहीं।
आखिरी सांस तक डल्लेवाल को जफरनामा का इंतजार
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के इर्द-गिर्द रहने वाले उनके भरोसेमंद अन्य किसान नेताओं का कहना है कि डल्लेवाल अपनी आखिरी सांस तक जफरनामा का इंतजार करेंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने बताया जफरनामा ‘जीत की चिट्ठी’ को कहा जाता है। जब तक केंद्र सरकार से किसान जत्थेबंदियों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को सुने जाने के लिए उन्हें दिल्ली बुलाने के लिए जफरनामा नहीं भेजा जाता, अब तब तक किसान नेता डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी रहेगा ।
हर पांच कदम पर गुरु का लंगर, अगले एक साल का राशन लेकर बैठे
किसान आंदोलन की जमीनी मजबूती का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के लिए तमाम किसान संगठनों के मोर्चा के पास अगले एक साल तक का राशन पड़ा है। राशन भी ऐसा कि एक पहर में ही चार-पांच प्रकार के व्यंजन बनाकर मोर्चे में शामिल लोगों को दिए जा रहे हैं। किसानों की सेहत के देखभाल के लिए हाईटेक प्राइवेट अस्पताल और एसोसिएशन की एंबुलेंस सेवाएं दे रही हैं। डॉक्टरों और मेडिकल टीम कैंप लगाकर बैठी हैं और दवाएं उपलब्ध कराने के लिए अस्थायी केमिस्ट हैं।
पंजाब के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश के किसान संगठन बड़ी संख्या में मोर्चे में शामिल
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाल के आमरण अनशन को एसकेएम का समर्थन मिलते ही हरियाणा और उत्तर प्रदेश की किसान जत्थेबंदियों ने मोर्चे की ओर मुंह मोड़ लिया है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तमाम एसोसिएशन अपना समर्थन और सहयोग देने के लिए पहुंच रही हैं। हरियाणा के सोनीपत से अभिमन्यु कुहाड़, देवराज सिंह, कोट बुड्ढा जैसे अन्य किसान नेता पक्का मोर्चा डाले बैठ गए हैं।