Elon Musk’s X: एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी X (पूर्व में ट्विटर) ने गुरुवार (20 मार्च) को केंद्र सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि सरकार IT एक्ट का इस्तेमाल करके कंटेंट को ब्लॉक कर रही है।
एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी X (पूर्व में ट्विटर) ने गुरुवार (20 मार्च) को केंद्र सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम का उपयोग करके माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर कंटेंट को ब्लॉक किया है। X ने इस याचिका में कहा है कि आईटी एक्ट की धारा 79 (3) (बी) का उपयोग एक गैरकानूनी पैरेलल कंटेंट-ब्लॉकिंग सिस्टम बनाता है, जो आईटी अधिनियम की धारा 69A में बताए गए कानूनी प्रक्रिया को फॉलो नहीं करता है।
धारा 69A और 79(3)(b) में क्या अंतर है?
आईटी अधिनियम की धारा 69A सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या संप्रभुता से जुड़े मामलों में कंटेंट हटाने का आदेश देने की अनुमति देती है। यह कंपनियों को कानूनी आधार प्रदान करती है। वहीं, धारा 79(3)(b) को लेकर कंपनियों का कहना है कि यह अस्पष्ट है और उन्हें यह तय करने के लिए मजबूर करती है कि कौन सा कंटेंट अवैध है।
कंपनियां अक्सर धारा 69A का बचाव के रूप में उपयोग करती हैं, क्योंकि इसमें सरकार स्पष्ट रूप से कंटेंट हटाने का आदेश देती है। इससे कानूनी जोखिम और पक्षपात के आरोपों से बचा जा सकता है।
एक्स ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला
X ने याचिका में कहा है कि सरकार का यह तरीका सुप्रीम कोर्ट के 2015 के श्रेया सिंघल मामले के फैसले के विपरीत है। इस फैसले में कहा गया था कि कंटेंट को केवल उचित न्यायिक प्रक्रिया या धारा 69A के तहत ही ब्लॉक किया जा सकता है।


