डिब्रूगढ़ जेल में बंद सांसद अमृतपाल की नई पार्टी की घोषणा : अकाली दल वारिस पंजाब दे होगा नाम

अमृतपाल सिंह लोकसभा चुनाव 2024 में खडूर साहिब से निर्दलीय चुनाव लड़कर सांसद बना था। फिलहाल वह डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल को ही अकाली दल वारिस पंजाब दे का प्रधान बनाया   गया है।

चंडीगढ़। मेला माघी पर मुक्तसर में आयोजित सियासी कॉन्फ्रेंस के दौरान खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की नई पार्टी ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ की घोषणा कर दी गई है। पार्टी का अध्यक्ष असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद सांसद अमृतपाल को बनाया गया है ।
पार्टी की घोषणा अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह और फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह ने की। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष अमृतपाल अभी जेल में बंद हैं। ऐसे में पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई है, वो सारा कार्यभार संभालेगी।
पार्टी नेता जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने शिअद बादल पर हमला बोलते हुए कहा कि यह दो सोचों की लड़ाई है। एक सोच दिल्ली की है जोकि किसानों की जानें ले रही हैं। दिल्ली की सोच सिख कौम का नुकसान करवा रही है। दिल्ली की सोच बंदी सिंहों को बंदी बना कर रखना चाहती है। दिल्ली की सोच पंथ व पंजाब का नुकसान करवा रही है। दिल्ली की सोच पंजाब के पानी को लूटना चाहती है और प्रदेश को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पार्टी के लिए तीन नाम भेजे गए थे, जिसमें से इस नाम पर मोहर लगी है। इसलिए अब से उनकी पार्टी का नाम ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ होगा।

इतने वोटों के अंतर से दर्ज की थी जीत

खडूर साहिब लोकसभा सीट पर अमृतपाल सिंह ने 4,04,430 मतों के साथ महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की थी। चुनाव में अमृतपाल सिंह के निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा थे, जिन्हें 2,07,310 वोट मिले थे। जीत के बाद अमृतपाल सिंह की पत्नी और वकील उससे मिलने डिब्रूगढ़ जेल गए थे।

अप्रैल 2023 से जेल में बंद है अमृतपाल

अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से जेल में बद है। 23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में हजारों की भीड़ अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस गई थी। पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ की गई थी। 18 मार्च को अमृतपाल घर से फरार हो गया। इस घटना के बाद अमृतपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। इसके बाद 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने उसे मोगा से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ एनएसए के तहत मामला दर्ज करने के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया। जेल से ही उसने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता भी था।

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