नई दिल्ली, 29 मार्च: म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने राहत कार्यों के तहत ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की शुरुआत की है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की पहली टीम म्यांमार पहुंच चुकी है। 80 सदस्यीय टीम को लेकर भारतीय वायुसेना का पहला C-130 विमान आज सुबह नेपेडॉ हवाई अड्डे पर उतरा, जहां उनका स्वागत भारत के राजदूत और म्यांमार विदेश मंत्रालय के एम्बेसडर मुंग मुंग लिन ने किया।
भारत, म्यांमार की राजधानी में राहत कार्यों में मदद करने के लिए पहुंचने वाला पहला देश बना, हालांकि हवाई अड्डा भूकंप के कारण पूरी तरह से कार्यशील नहीं था। NDRF की टीम कल सुबह मांडले के लिए रवाना होगी, और यह मांडले में पहुंचने वाली पहली बचाव टीम होगी। इससे पहले, भारत द्वारा भेजे गए पहले विमान में 15 टन राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता थी, जो आज सुबह 3 बजे हिंडन एयरफोर्स बेस से रवाना हुआ और सुबह 8 बजे यांगून पहुंचा।
विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में NDRF के DIG मोहन शाहीदी ने कहा कि टीम को विशेष उपकरणों और कुत्तों के साथ भेजा गया है, ताकि मलबे के नीचे फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अगले 24-48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि यह “गोल्डन पीरियड” है, जब जीवन बचाने के सर्वोत्तम अवसर होते हैं। इस संदर्भ में, कोलकाता में एक रिजर्व टीम भी तैयार रखी गई है, जो जैसे ही दूसरी टीम की आवश्यकता होगी, तुरंत रवाना हो जाएगी।
भारत की इस राहत मुहिम के तहत, भारतीय सेना ने म्यांमार में एक 60-बेड का मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है, जो आपदा में घायल हुए लोगों को तात्कालिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। इस तरह भारत ने एक बार फिर अपनी आपातकालीन सहायता में तत्परता और सहयोग का परिचय दिया है, जो म्यांमार में बचे हुए लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।
‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भारत की तत्काल प्रतिक्रिया और समर्थन न केवल म्यांमार की सरकार के लिए, बल्कि वहां की आम जनता के लिए भी जीवन रक्षक साबित हो रही है। भारत का यह मानवीय कदम न केवल अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की मिसाल है, बल्कि यह भारत और म्यांमार के बीच रिश्तों को और भी मजबूत करता है।


