पुलिस ने आतंकी नेटवर्क से जुड़े तीन आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान पुलिस और आरोपियों के बीच फायरिंग हुई, जिसमें गोली लगने से तीनों शूटर घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वारदात में इस्तेमाल कार भी बरामद
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हथियार और वारदात में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद की है। अधिकारियों ने दावा किया है कि इस कार्रवाई से टारगेट किलिंग की एक बड़ी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया है।
यह हमला दिनदहाड़े किया गया था, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। अब आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस गैंग के बाकी नेटवर्क की भी जांच कर रही है।
क्लिनिक में घुसकर मारी थी गोलियां
मोगा जिले के कोट ईसे खां में 4 जुलाई को क्लिनिक में दवाई लेने आए युवकों ने डॉक्टर अनिल जीत कंबोज को गोली मारी गई थी। उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। हमले के बाद से पुलिस पर भी केस का दबाव बढ़ता जा रहा था।
इसके बाद पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर तीन आरोपियों को दबोचा है। आरोपियों की पहचान गुरलाल, खुशप्रीत और गुरमन के रूप में हुई है। वे तरनतारन के रहने वाले हैं। डीजीपी गौरव यादव ने खुद सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी है।
यह हथियार आरोपियों से बरामद हुए
पुलिस को आरोपियों से 2 पिस्टल (.30 बोर) के साथ 10 कारतूस, 1 पिस्टल (.32 बोर) के साथ 3 कारतूस व 1 कार बरामद हुई है। फतेहगढ़ पंजटूर पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की गई है। आगे की जांच जारी है ताकि इस मॉड्यूल के आगे और पीछे के लिंक का पता लगाया जा सके। सूत्रों से पता चला है कि तान्या के पिता को पहले मार्च तक पुलिस सिक्योरिटी भी मिली हुई थी। वहीं, पता चला है कि उन्हें पहले धमकियां भी आई थी।


