प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स मंच से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘आतंकवाद की निंदा हमारा ‘सिद्धांत’ होना चाहिए, केवल ‘सुविधा’ नहीं। अगर पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके विरुद्ध हुआ, तो यह मानवता के खिलाफ विश्वासघात होगा।’
जुलाई 07, रियो डी जेनेरो(ब्राजील):- वैश्विक शांति और सुरक्षा को प्रधानमंत्री ने साझा हितों और भविष्य की बुनियाद बताया। ब्रिक्स सम्मेलन के शांति सुरक्षा व ग्लोबल गर्वनेंस सत्र में आतंकवाद को मानवता के लिए ख़तरा बताया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में ही मानवता का विकास संभव है। प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को अमानवीय और कायरतापूर्ण करार दिया। साथ ही कहा कि हमला, भारत की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर सीधा प्रहार था।
‘आतंकवाद की निंदा हमारा ‘सिद्धांत’ होना चाहिए, केवल ‘सुविधा’ नहीं। अगर पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके विरुद्ध हुआ, तो यह मानवता के खिलाफ विश्वासघात होगा।’
उन्होंने कहा कि निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, किसी भी अवस्था में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अगले वर्ष भारत की अध्यक्षता में होने ब्रिक्स समिट के लिए सदस्य देशों को आमंत्रित किया।


