रूस के बाद यूक्रेन: 23 अगस्त को कीव दौरे पर पीएम मोदी, जेलेंस्की से मुलाकात की तैयारी

नई दिल्ली: रूस के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब अगस्त महीने में यूक्रेन का दौरा करने वाले हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद यह पीएम मोदी का पहला कीव दौरा होगा, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा मिलने की संभावना है।

पुतिन से मुलाकात पर जेलेंस्की ने तब सार्वजनिक रूप से नाराजगी

पीएम मोदी का यह दौरा रूस यात्रा के करीब महीने भर बाद हो रही है। मॉस्को में पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने तब सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई थी। ऐसे में पीएम मोदी की इस यात्रा को रूस के साथ-साथ यूक्रेन को भी साधे रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। यह दौरा भारत की तटस्थ और संतुलित विदेश नीति का प्रमाण है, जो दोनों देशों के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने पीएम मोदी को यूक्रेन आने के लिए आमंत्रित किया था। सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने उनका यह न्योता स्वीकार कर लिया है और 23 अगस्त के आसपास वह यूक्रेन दौरे पर जा सकते हैं। हालांकि अभी तक तारीखों को लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में इस यात्रा को लेकर काफी उत्सुकता है।

भारत वैश्विक मंच पर अपने दोस्तों के साथ खड़ा

रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से यूक्रेन लगातार अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की मांग कर रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा यूक्रेन को एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। भारत ने हमेशा से ही शांति और स्थिरता की वकालत की है और इस दौरे से यह संदेश भी जाएगा कि भारत वैश्विक मंच पर अपने दोस्तों के साथ खड़ा है। पीएम मोदी का यह दौरा यूक्रेन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

मॉस्को में हुई मोदी-पुतिन मुलाकात के बाद से यूक्रेन ने भारत की भूमिका को लेकर कुछ सवाल उठाए थे। जेलेंस्की ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताते हुए कहा था कि भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश को रूसी आक्रामकता के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना चाहिए। पीएम मोदी का यह दौरा इस नाराजगी को शांत करने और यूक्रेन के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हो सकता है।

PM MODI
PM MODI

भारत के लिए यूक्रेन एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है, और इस दौरे से दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को नई गति मिलने की उम्मीद है। यूक्रेन, जो कि यूरोप का एक महत्वपूर्ण देश है, के साथ मजबूत संबंध भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत की भूमिका को स्पष्ट करने का भी यह एक अवसर हो सकता है।

पीएम मोदी के इस दौरे से पहले, भारतीय और यूक्रेनी कूटनीतिक अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर चर्चा चल रही है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा सहयोग, और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग शामिल हो सकते हैं।

यूक्रेन
यूक्रेन

पीएम मोदी का यह दौरा भारत-यूक्रेन संबंधों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस दौरे से भारत की अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति को नई दिशा मिलने की संभावना है और यह दौरा वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत कर सकता है।

इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी का कीव में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की संभावना है, जिसमें यूक्रेन के नेताओं के साथ उच्च स्तरीय बैठकें, भारतीय समुदाय के साथ संवाद, और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं। पीएम मोदी के इस दौरे को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी करीब से देख रहा है और इस दौरे के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले नए समीकरणों का आकलन कर रहा है।

इस प्रकार, पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है, जो भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेगा और रूस-यूक्रेन विवाद के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगा। यह दौरा न केवल भारत-यूक्रेन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।

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