शानदार ऐतिहासिक जीत: मनू भाकर ने रचा इतिहास, पेरिस ओलंपिक में भारत को दिलाया पहला पदक, 12 साल का सूखा समाप्त

पेरिस

नई दिल्ली:- स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया है। मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। पेरिस ओलंपिक में भारत का यह पहला मेडल है। मनु करियर के दूसरे ओलंपिक में पदक जीतने में सफल रहीं। उन्होंने 221.7 स्कोर के साथ ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया। मनु भाकर 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक के साथ ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई हैं। इस पदक के साथ भारत का ओलंपिक में शूटिंग में 12 साल का मेडल का सूखा भी खत्म हो गया।

पेरिस ओलंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक

मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। भारतीय निशानेबाज जब बाहर हुईं तो दक्षिण कोरिया की येजी किम से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थीं जिन्होंने अंतत: 241.3 अंक के साथ रजत पदक जीता। किम की हमवतन ये जिन ओह ने 243.2 अंक के फाइनल के ओलंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। लंदन ओलंपिक 2012 के बाद भारत का निशानेबाजी में यह पहला ओलंपिक पदक है। रियो ओलंपिक 2016 और टोक्यो ओलंपिक से भारतीय निशानेबाज खाली हाथ लौटे थे।

मनु की सफलता युवा निशानेबाजों के लिए प्रेरणा

मनु भाकर का यह प्रदर्शन उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ निश्चय का परिणाम है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके व्यक्तिगत करियर को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, बल्कि देश के खेल इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण पृष्ठ जोड़ा है। मनु की यह सफलता आने वाले युवा निशानेबाजों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और उन्हें भी अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

पूरे देश को गर्व से भर दिया

पिछले कुछ वर्षों में, मनु भाकर ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन से यह साबित किया है कि वे एक बेहतरीन शूटर हैं। उनकी इस उपलब्धि ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। पेरिस ओलंपिक में भारत का पहला मेडल जीतने के साथ ही, मनु ने यह दिखा दिया है कि सही मार्गदर्शन, कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

 

भारत की इस सफलता ने देश के खेल प्रेमियों को एक नई उम्मीद और खुशी दी है। मनु भाकर का यह पदक आने वाले ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय निशानेबाजों के लिए एक नई राह खोलेगा। इस जीत ने यह संदेश दिया है कि भारतीय खेल प्रतिभाएं विश्व स्तर पर अपना लोहा मनवा सकती हैं।

 

मनु भाकर की इस सफलता के पीछे उनके कोच, परिवार और सपोर्ट स्टाफ का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी इस जीत ने भारतीय निशानेबाजी संघ और देश के खेल प्रशासन को भी नई ऊर्जा और प्रोत्साहन दिया है। अब सभी की निगाहें आने वाले ओलंपिक और अन्य प्रमुख प्रतियोगिताओं पर होंगी, जहां भारतीय निशानेबाज और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखेंगे।

 

मनु भाकर ने अपने शानदार प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि वे वास्तव में एक स्टार शूटर हैं और आने वाले समय में भी उनसे ऐसे ही उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है। उनकी इस सफलता ने देश के युवाओं को यह संदेश दिया है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

ओलंपिक में मनु भाकर की इस जीत के साथ ही, देश भर में उनकी तारीफ हो रही है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से गर्वित किया है, बल्कि पूरे देश को भी एकजुट किया है। मनु की इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि भारत के पास प्रतिभाशाली और सक्षम खिलाड़ी हैं जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं।

 

मनु भाकर की इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही, अब सभी की निगाहें भविष्य के ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर होंगी, जहां भारतीय निशानेबाज और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखेंगे। मनु की इस सफलता ने भारतीय निशानेबाजी को एक नई दिशा दी है और आने वाले समय में भी इससे प्रेरित होकर और भी खिलाड़ी विश्व मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

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