कोल इंडिया और गेल के बीच ऐतिहासिक समझौता: कोयले से बनेगी सिंथेटिक प्राकृतिक गैस, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा नया बल**1

कोयले के वैकल्पिक उपयोगों पर विचार

PIB NEWS:- कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और गेल (इंडिया) लिमिटेड के बीच एक ऐतिहासिक संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस (SNG) का उत्पादन करना है। यह समझौता सर्फेस कोल गैसीफिकेशन (SCG) तकनीक का उपयोग करके पश्चिम बंगाल के रानीगंज क्षेत्र में एक SNG संयंत्र की स्थापना के लिए किया गया है। इस संयंत्र से प्रति घंटे 80,000 एनएम3 सिंथेटिक प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जाएगा, जिसके लिए सालाना 1.9 मिलियन टन की कोयले  आवश्यकता होगी, जिसे CIL द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

इस परियोजना के माध्यम से भारत के कोयला गैसीकरण मिशन को बढ़ावा मिलेगा, जो कोयले के रासायनिक गुणों के अधिकतम और पर्यावरण अनुकूल उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। SNG, जो मुख्य रूप से मीथेन से बनी होती है, विभिन्न रसायनों और उर्वरकों के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण फीडस्टॉक के रूप में कार्य करती है। इस संयंत्र के माध्यम से न केवल प्राकृतिक गैस के आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत मिशन को भी मजबूती प्रदान करेगा।

कोयले के विशाल भंडार का लाभ उठाने के लिए इसे पर्यावरण अनुकूल

इस हस्ताक्षर समारोह में कोयला मंत्रालय के अपर सचिव श्री एम. नागराजू ने कहा कि यह परियोजना CIL और गेल की प्रतिबद्धता का एक रोल मॉडल साबित होगी। उन्होंने कोयला गैसीकरण को कोयला मंत्रालय के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र बताते हुए कहा कि भारत को कोयले के विशाल भंडार का लाभ उठाने के लिए इसे पर्यावरण अनुकूल तरीकों से उपयोग में लाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अधिक कोयला गैसीकरण परियोजनाओं की योजना बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

कोयले के वैकल्पिक उपयोगों पर विचार करते हुए इस तरह के पर्यावरण अनुकूल उपक्रमों को बढ़ावा देना आवश्यक

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन ने भी इस परियोजना की सराहना की और कहा कि कोयले के वैकल्पिक उपयोगों पर विचार करते हुए इस तरह के पर्यावरण अनुकूल उपक्रमों को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने SCG तकनीक को संभावनापूर्ण बताते हुए कहा कि यह कोयले को मूल्यवान सिंथेटिक गैस में परिवर्तित करती है, जिसे प्रोसेसिंग के बाद सिंथेटिक प्राकृतिक गैस के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

सीआईएल के निदेशक (व्यवसाय विकास) श्री देबाशीष नंदा ने समारोह के अंत में सभी अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और परियोजना के त्वरित आरंभ के लिए प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने इस महत्वपूर्ण समझौते को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए संबंधित मंत्रालयों और कंपनियों की टीमों की सराहना भी की।

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