पेरिस, 10 अगस्त:- पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय खेल प्रेमियों के लिए शुक्रवार का दिन गर्व और खुशी से भरा रहा, जब युवा पहलवान अमन सहरावत ने कुश्ती में देश के लिए एक और मेडल हासिल किया। 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में अमन ने प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को 13-5 से हराकर शानदार जीत दर्ज की।
अमन सहरावत का ओलंपिक में यह पहला प्रदर्शन था, लेकिन उन्होंने जिस आत्मविश्वास और धैर्य का परिचय दिया, उसने सभी को प्रभावित किया। शुरुआती राउंड्स में उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करते हुए दो मुकाबलों में जीत दर्ज की और सेमीफाइनल में प्रवेश किया। उनके आक्रामक खेल और संतुलित रणनीति ने उन्हें सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, सेमीफाइनल में उनका सामना जापान के रेई हिगुची से हुआ, जो एक अनुभवी और मजबूत प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं। हिगुची के खिलाफ मुकाबले में अमन ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन अंत में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद अमन ने अपना हौसला बनाए रखा और कांस्य पदक के मुकाबले में पूरी ताकत से वापसी की।
ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में अमन ने डेरियन क्रूज के खिलाफ अपनी कुशलता का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने मुकाबले की शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया और क्रूज को दबाव में रखा। अमन ने अपने कुश्ती के दांव-पेंच का सही समय पर इस्तेमाल करते हुए पहले राउंड में ही बढ़त बना ली। दूसरे राउंड में भी उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और अंततः 13-5 के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उनकी इस जीत ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत सफलता दिलाई, बल्कि भारतीय कुश्ती के इतिहास में भी एक और गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ा।
अमन सहरावत की इस सफलता ने भारतीय दल के मनोबल को और ऊंचा किया है। अब तक पेरिस ओलंपिक में भारत ने कुल छह मेडल जीते हैं, जिनमें से तीन निशानेबाजी में, एक हॉकी में, एक भाला फेंक में और अब कुश्ती में ब्रॉन्ज शामिल है। अमन की इस उपलब्धि से भारत के ओलंपिक अभियान को एक और प्रेरणा मिली है। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों ने अमन को इस जीत के लिए बधाई दी और उनकी तारीफ की।
अमन के कोच और ट्रेनिंग स्टाफ ने भी उनकी इस सफलता पर खुशी जाहिर की है। उनके कोच ने कहा कि अमन ने जिस मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी की थी, उसका नतीजा आज सबके सामने है। उन्होंने बताया कि अमन ने अपने खेल में कई नई तकनीकों का अभ्यास किया और अपने कमजोर पक्षों को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की। इस जीत ने उनके आत्मविश्वास को और मजबूत किया है और आने वाले वर्षों में उनसे और भी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
अमन सहरावत की इस जीत ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि भारतीय कुश्ती का भविष्य उज्ज्वल है और हमारे पहलवान किसी भी बड़े मंच पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं। यह जीत न केवल अमन की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
पेरिस ओलंपिक में भारत की इस सफलता ने सभी खेल प्रेमियों को गर्व महसूस कराया है और देश भर में इस जीत का जश्न मनाया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि बाकी बचे हुए दिनों में भी भारतीय दल इसी तरह सफलता के झंडे गाड़ेगा और देश के लिए और भी मेडल्स जीतेगा। अमन सहरावत की इस जीत से यह संदेश साफ है कि अगर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी लगन और समर्पण के साथ मेहनत की जाए, तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं है।
इस जीत के साथ ही भारतीय कुश्ती के प्रशंसकों को आने वाले दिनों में और भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। ओलंपिक के इस महाकुंभ में भारत के पहलवानों की यह सफलता पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।


