सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश: शंभू बॉर्डर एक सप्ताह में आंशिक रूप से खोला जाएगा

सुप्रीम कोर्ट

पंजाब ब्यूरो:- शंभू बॉर्डर को खोलने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने अहम आदेश जारी किए हैं। आपको बता दें कि यह मामला हरियाणा सरकार द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बाद आया। हाईकोर्ट ने पहले हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आज की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से एक सप्ताह के भीतर खोला जाए, जिसमें दोनों तरफ एक-एक लेन खोली जाएगी ताकि एम्बुलेंस, बुजुर्गों, महिलाओं, विद्यार्थियों और दैनिक यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर हरियाणा और पंजाब की सरकारें आपसी सहमति से इस मसले को सुलझा

सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस कप्तानों और दोनों जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को एक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया है ताकि स्थिति को बेहतर ढंग से संभाला जा सके। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए एक गैर-राजनीतिक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मुद्दों को सुलझाना होगा। केंद्र सरकार और पंजाब ने कमेटी के लिए नाम सौंप दिए हैं, और सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर हरियाणा और पंजाब की सरकारें आपसी सहमति से इस मसले को सुलझा लेती हैं, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हाईवे ट्रैक्टर की पार्किंग के लिए नहीं है और इसे आपातकालीन सेवाओं, छात्रों और आवश्यक यात्रियों के लिए खोला जा सकता है।

यह पूरा मामला फसलों के एमएसपी को लेकर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ा है, जिसमें पंजाब के किसान फरवरी 2024 से ही आंदोलनरत हैं। इसके चलते हरियाणा सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण स्थिति और जटिल हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया, जिससे बॉर्डर के इस हिस्से पर आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई। इस स्थिति को देखते हुए, किसान समुदाय ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां कई बार सुनवाई हो चुकी है और आज के आदेश के बाद मामला कुछ हद तक सुलझता नजर आ रहा है।

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