नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “यह सरकार अपने वादों को निभाने वाली सरकार है। जो लोग ‘लड़की बहिन योजना’ के खिलाफ अदालत का रुख कर रहे हैं, उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए। जो भी हमारे इस महत्वपूर्ण योजना में अड़चनें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें समय आने पर जवाब दिया जाएगा। उनसे पूछो, क्यों वे हमारी योजना को रोकना चाहते हैं, क्यों वे इसे बदनाम करना चाहते हैं, और क्यों वे इस योजना के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं?”
‘क्या है लाड़ली बहिन योजना’
मुख्यमंत्री ‘लाड़ली बहना योजना महिलाओं’ के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है। इसके अंतर्गत, अगर किसी परिवार की 60 वर्ष से कम उम्र की महिला को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 1,250 रुपये से कम की राशि प्राप्त हो रही है, तो सरकार द्वारा उन्हें 1,250 रुपये की पूर्ति की जाती है।
इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार लाने का प्रयास कर रही है। आज भी समाज में कई ऐसे परिवार हैं जहां महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को प्राथमिकता नहीं दी जाती, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से महिलाएं अपनी स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं और स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य परिवार में महिलाओं की भूमिका को मज़बूत करना है। अक्सर देखा गया है कि पारिवारिक निर्णयों में महिलाओं की सहभागिता सीमित होती है, जिससे उनके अधिकारों और उनकी सोच का सम्मान नहीं हो पाता। इस योजना से महिलाओं को आर्थिक संबल मिलेगा, जिससे वे परिवार के फ़ैसलों में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगी और अपने विचारों को मजबूती से रख सकेंगी।
समग्र रूप से देखा जाए तो मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाती है। इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।
स्रोत: सीएमओ महाराष्ट्र


