भारत ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में रचा इतिहास: एक ही दिन में 8 पदक, 2 स्वर्ण सहित”

अखंड केसरी ब्यूरो :-भारत ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में इतिहास रच दिया है। 2 सितंबर का दिन भारतीय खेल इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, जब हमारे खिलाड़ियों ने एक ही दिन में 8 पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। इनमें से दो स्वर्ण पदक रहे, जो इस सफलता को और भी खास बना देते हैं। भारत की इस अभूतपूर्व सफलता ने न केवल पैरालंपिक खेलों में देश की साख को मजबूत किया है, बल्कि यह भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत, अनुशासन और अदम्य साहस का प्रतीक भी है।

इस अद्वितीय प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब पैरालंपिक खेलों में अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह जीत न केवल खेल के मैदान पर एक बड़ी सफलता है, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। भारतीय खिलाड़ियों ने पेरिस पैरालंपिक में जिस तरह का प्रदर्शन किया, उससे देशवासियों के मन में नई उम्मीदें और विश्वास जगा है कि भविष्य में हमारे खिलाड़ी और भी बड़े मुकाम हासिल करेंगे।

2 सितंबर को भारतीय खिलाड़ियों ने 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज सहित कुल 8 पदक जीते। पैरा बैडमिंटन में नितेश कुमार ने भारत को पहला गोल्ड दिलाया, जबकि जेवलिन थ्रो में सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक जीता। उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने भारत को मेडल टैली में 15 स्थान ऊपर पहुंचा दिया, जिससे भारत अब टॉप-15 देशों में शामिल हो गया है।

पेरिस पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय खिलाड़ी अब विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। भारत ने अब तक 3 गोल्ड सहित 15 पदक जीत लिए हैं और यह सिलसिला अभी भी जारी है। भारतीय दल ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में 5 गोल्ड समेत 19 पदक जीते थे, और अब पेरिस में भी अपने प्रदर्शन को बेहतर करते हुए देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

इसके अलावा, शीतल देवी और राकेश कुमार की जोड़ी ने तीरंदाजी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं, योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता और सुहास यथिराज ने बैडमिंटन में लगातार दूसरे पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। इन सभी खिलाड़ियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए भारत को गौरवान्वित किया है।

पेरिस में भारतीय खिलाड़ियों की इस सफलता ने एक नई इबारत लिख दी है, जो आने वाले समय में अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी। इस जीत ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है और यह उम्मीद जगाई है कि भविष्य में भारतीय खिलाड़ी और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

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