अखंड केसरी ब्यूरो :-लुधियाना की 6 साल की अनायेशा बुद्धिराजा ने इतिहास रचते हुए अपने नाम को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करा लिया है। अनायेशा ने अपने छोटे से जीवन में असाधारण उपलब्धि हासिल की है, जिससे उन्होंने न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे शहर का नाम रोशन किया है। मात्र 6 साल की उम्र में, अनायेशा ने द्विभाषी पुस्तक श्रृंखला प्रकाशित कर यह कारनामा किया है, जो उन्हें विश्व में सबसे कम उम्र की लेखिका के रूप में पहचान दिलाता है। उनकी यह यात्रा मात्र 8 महीने की उम्र से ही शुरू हो गई थी, जब उन्होंने सीखने की दिशा में अपने पहले कदम उठाए।
अनायेशा की इस अद्भुत यात्रा में संस्कृत के 100 श्लोकों को याद करने और उन्हें प्रभावी ढंग से सीखने के तरीकों को अन्य बच्चों के साथ साझा करने की प्रेरणा शामिल है। “माई जर्नी ऑफ लर्निंग 100 श्लोक” नामक उनकी पुस्तक श्रृंखला न केवल उनके ज्ञान को दर्शाती है, बल्कि इसमें उनके द्वारा हाथ से बनाई गई चित्रों को भी शामिल किया गया है, जिससे यह पुस्तक और भी आकर्षक बन जाती है।
अनायेशा की इस उपलब्धि के पीछे उनके माता-पिता, डॉ. संचित बुद्धिराजा और डॉ. रविका कनिष्क बुद्धिराजा का अटूट समर्थन और मार्गदर्शन है, जिन्होंने हमेशा उनकी रचनात्मकता और उत्साह को प्रोत्साहित किया। अनायेशा ने अपने इस प्रयास से न केवल अपनी उम्र के बच्चों बल्कि सभी को यह संदेश दिया है कि सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। उसकी यह उपलब्धि आने वाले समय में कई बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।


