अखंड केसरी ब्यूरो :-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विमानन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र केवल यात्रा को आसान और किफायती बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, लोगों और समृद्धि को भी आपस में जोड़ रहा है। श्री मोदी ने जोर दिया कि देश के मध्यम वर्ग में हो रही वृद्धि और विमानन सेवाओं की बढ़ती मांग इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। उनके अनुसार, पिछले एक दशक में भारत के विमानन क्षेत्र में जो बदलाव आए हैं, वे अभूतपूर्व हैं, और देश अब एक विमानन-विशेष राष्ट्र से एक विमानन-समावेशी राष्ट्र के रूप में विकसित हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने विमानन क्षेत्र में महिलाओं के योगदान पर भी ध्यान दिलाया, जहां लगभग 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं। उन्होंने इसे महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इसके साथ ही, उन्होंने लोगों को वर्टिपॉर्ट्स के इनोवेशन के बारे में जागरूक होने की सलाह दी, जो शहरी यात्रा को और अधिक सरल बना रहे हैं। श्री मोदी ने भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में एयर-टैक्सी जैसी नई तकनीकें जल्द ही वास्तविकता बन सकती हैं, जो उन्नत वायु गतिशीलता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
प्रधानमंत्री ने नागरिक उड्डयन पर आयोजित दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में “दिल्ली घोषणा पत्र” को सभी सदस्य देशों द्वारा अपनाए जाने की भी सराहना की। यह घोषणा पत्र एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक दूरदर्शी रोडमैप है, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, नवाचार और सतत विकास को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, श्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर 80 हजार पेड़ लगाने की पहल का भी उल्लेख किया, जो पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


