धर्म (अखण्ड केसरी): kajri teej 2023 – कजरी तीज के दिन भगवान शिव और माता गौरी की पूजा की जाती है, जो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को आती है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत रखती हैं। व्रत रखने के कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना बहुत जरूरी है।
देश में त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है. 30 और 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने के बाद कई और बड़े त्योहार मनाए जाएंगे. 31 अगस्त को श्रावण मास समाप्त हो जाएगा और भाद्रपद मास प्रारंभ हो जाएगा। इसमें जन्माष्टमी से लेकर गणेश चतुर्थी तक कई बड़े त्योहार मनाए जाएंगे. लेकिन इससे पहले कजरी तीज मनाई जाएगी जिसका हिंदू धर्म में बहुत महत्व है.
कजरी तीज हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और गौरी शंकर की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करती हैं। इससे भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा मिलती है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। शादीशुदा महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी लड़कियां भी अच्छा पति पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।
कजरी तीज कब मनाई जाएगी?
इस साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 1 सितंबर को सुबह 11.50 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 2 सितंबर को रात 8.49 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार यह पर्व 2 सितंबर को मनाया जाएगा.
कजरी तीज का व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि कजरी तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए किया था। तभी से यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, नहीं तो व्रत निष्फल साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कजरी तीज के दिन क्या करें और क्या न करें।
कजरी तीज के दिन क्या करें और क्या न करें?
- कजरी तीज के दिन रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है। ऐसे में भूलकर भी चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले व्रत न तोड़ें।
- इस दिन शादीशुदा महिलाओं को काले या सफेद रंग के कपड़े और चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए। लाल और हरा रंग सुहाग का प्रतीक है। ऐसे में आप इस दिन लाल रंग के कपड़े और चूड़ियां पहन सकती हैं।
- इस दिन क्रोध और वाद-विवाद से बचना चाहिए और भूलकर भी किसी को कुछ गलत नहीं कहना चाहिए।
- व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन दोपहर में सोने से बचना चाहिए और सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
- कजरी तीज के दिन चने की दाल से बने सत्तू का प्रयोग जरूरी माना जाता है। इसके बिना पूजा पूरी नहीं होती.
- इस दिन मेहंदी लगाने का भी बहुत महत्व है। ऐसे में कजर तीज से एक दिन पहले अपने हाथों पर मेहंदी जरूर लगाएं.
- इस दिन गौरी-शंकर की कृपा पाने के लिए एक उपाय भी बताया गया है। इस दिन पूजा के बाद आटे की सात गोलियां बनाकर उन पर घी और गुड़ रखकर गाय को खिलाना बहुत शुभ माना जाता है।


