अखंड केसरी ब्यूरो :-काठमांडू, नेपाल, जुलाई 25: नेपाल की राजधानी काठमांडू में बुधवार सुबह हुए एक दर्दनाक विमान हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हादसे में सौर्य एयरलाइंस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 18 लोगों की मौत हो गई। इस त्रासदी की गंभीरता को देखते हुए, नेपाल सरकार ने तुरंत इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं और इसके लिए एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है। नेपाल सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने बताया कि यह समिति नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) के पूर्व महानिदेशक रतीश चंद्र लाल सुमन के नेतृत्व में कार्य करेगी।
बुधवार सुबह, काठमांडू से पोखरा के लिए प्रस्थान करते समय सौर्य एयरलाइंस का यह विमान त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के ‘रनवे’ के पूर्व में एक खाई में गिर गया। इस दुर्घटना के तुरंत बाद विमान में आग लग गई, जिससे विमान में सवार 19 लोगों में से 18 की मौत हो गई। केवल फ्लाइट कैप्टन मनीष रत्न शाक्य को बचाया जा सका। विमान में सवार अन्य सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स के शव त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल (टीयूटीएच) ले जाया गया।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और गृह मंत्री रमेश लेखक त्रिभुवन नेपाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे
इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और गृह मंत्री रमेश लेखक त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे। प्रधानमंत्री ओली ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति शोक व्यक्त किया और उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इस दुर्घटना की जांच पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने बताया कि विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले अधिकांश लोग तकनीशियन और कर्मचारी थे, जो सौर्य एयरलाइंस के थे। इस हादसे ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है और विमान यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नेपाल सरकार की यह 5 सदस्यीय जांच समिति हादसे के कारणों की गहन जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार को सौंपेगी।
इस हादसे ने न केवल मृतकों के परिवारों को बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। विमान यात्रा की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों के बीच, यह महत्वपूर्ण है कि जांच समिति अपने कार्य को निष्पक्षता और ईमानदारी से पूरा करे, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके और विमानन सुरक्षा में सुधार किया जा सके।


