अखंड केसरी ब्यूरो :-मिडिल ईस्ट में इस समय तनाव का माहौल बहुत अधिक बढ़ चुका है, जहां इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं। हाल के दिनों में, स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। इजरायल के हवाई हमलों के जवाब में, लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह ने 150 से अधिक मिसाइलें और रॉकेट इजरायल पर दागे हैं। हालांकि, इजरायल के आयरन डोम एंटी-मिसाइल सिस्टम ने इन मिसाइलों को बड़ी संख्या में विफल कर दिया है। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका प्रबल हो रही है, और दोनों पक्षों के बीच टकराव और भी बढ़ सकता है।
इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में हवाई हमलों को तेज कर दिया है, जिससे हिजबुल्लाह ने एक बड़ा ड्रोन और रॉकेट हमला करके जवाबी कार्रवाई की है। हिजबुल्लाह के अनुसार, इजरायल द्वारा जुलाई में बेरूत में उनके कमांडर फुआद शुकर की हत्या का बदला लेने का दावा किया गया है। यह घटनाक्रम तब हो रहा है जब गाजा में युद्ध विराम की वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिससे शांति वार्ता की संभावना लगभग समाप्त हो गई है।
गाजा पट्टी में भी स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। इजरायल की सेना ने पिछले शनिवार को कम से कम 71 फिलिस्तीनियों को मार गिराया है। इजरायली टैंक और बुलडोजर केंद्रीय शहर डेयर एल-बलाह में आगे बढ़ रहे हैं, जिससे पिछले दो दिनों में 100,000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। गाजा पर इजरायल के हमलों में अब तक 40,334 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 93,356 लोग घायल हुए हैं। वहीं, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले में लगभग 1,139 लोग मारे गए थे।
मिडिल ईस्ट में इस बढ़ते हुए युद्ध ने पूरे क्षेत्र को संकट में डाल दिया है, और अगर यह तनाव और अधिक बढ़ता है तो इसका प्रभाव व्यापक हो सकता है। इजरायल ने अब 48 घंटे की इमरजेंसी लगा दी है, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।
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