देश में कोरोना वायरस के बाद निपाह वायरस (Nipah Virus )की एंट्री,40 से 70% है मृत्यु दर, ICMR ने किया अलर्ट,

नई दिल्ली:- देश में कोरोना वायरस के बाद निपाह वायरस (Nipah Virus )की एंट्री ने हर किसी को सकते मेंडाल दिया है. केरल में निपाह वायरस के मामले मिलने के साथ ही मेडिकल संस्थानों ने चेतावनी जारी करना शुरू कर दिया है. इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बताया है कि निपाह वायरस, कोराना से कहीं ज्यादा खतरनाक है. निपाह से संक्रमण में मृत्यु दर 40-70 फीसदी है, जबकि कोरोना में 2 से3 फीसदी है. यह कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर के मुकाबले काफी ज्यादा है. केरल में फिलहाल (निपाह वायरस ) के 6 मामले सामने चुके हैं, जिसमें से 2 लोगों की मौत हो चुकी है. कोझिकोड जिले में 24 सितंबरतक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का फैसला किया गया है.

संक्रमित फल, चमगादड़ और सूअरों से फैल रहा है वायरस

नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आईसीएमआर के डीजी राजीव बहल ने कहाकि भारत निपाह वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराकखरीदेगा. यह वायरस संक्रमित फल, चमगादड़ों के माध्यम से लोगों और सूअरों जैसे अन्य जानवरों में फैलसकता है. यदि लोग किसी संक्रमित जानवर या उसके शरीर के तरल पदार्थ, जैसे लार या मूत्र, के निकट संपर्कमें आते हैं तो वे संक्रमित हो सकते हैं. एक बार जब यह लोगों में फैल जाता है, तो यह बीमारी एक व्यक्ति सेदूसरे व्यक्ति में फैल सकती है.

बारबार हाथ धोना और फेस मास्क लगाने को कहा


उन्होंने बारबार हाथ धोने और फेस मास्क पहनने को कहा. राजीव बहल ने कहा, ‘4-5 उपाय हैं, उनमें से कुछबिल्कुल वैसे ही हैं जैसे कि COVID के खिलाफ उठाए गए हैं. जैसे कि बारबार हाथ धोना, मास्क लगाना. निपाह वायरस के फैलने का सबसे मुख्य कारण है संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना और उसके बाद अन्य लोगों का दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आना, जो संक्रमित से मिल चुका है. इससे बचने के लिए अलगाव बहुत जरूरी हैआइसोलेशन भी बचाव का एक तरीका है. लक्षण दिखने पर व्यक्ति खुद को अलग कर ले और तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करे.

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