जालंधर में नशे की समस्या पर सरकारी और मीडिया संवाद: रोकथाम, पुनर्वास और तकनीकी चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा”

अखंड केसरी ब्यूरो :-भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा 5 नवंबर, 2024 को जालंधर, पंजाब में नशे की समस्या पर एक वार्तालाप और मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई। इस आयोजन का उद्देश्य नशे की लत से निपटने के विभिन्न पहलुओं पर सरकार और मीडिया के बीच विचारों का आदान-प्रदान कर सार्थक संवाद को बढ़ावा देना था। कार्यशाला का उद्घाटन जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि नशे की रोकथाम एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, और इसे बचपन से ही, जब बच्चे 5-6 साल के होते हैं, शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर पारिवारिक सहयोग और पुनर्वास के महत्व पर बल दिया, साथ ही, गुरदासपुर में सेवा के दौरान लिए गए निर्णय का उल्लेख किया कि ड्रग्स पकड़े जाने पर मात्रा या मूल्य की जानकारी साझा न की जाए, जिससे नशे का प्रोत्साहन रोका जा सके। कार्यशाला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) (ग्रामीण), जालंधर, श्री हरकमलप्रीत सिंह खख ने नशे के कलंक को मिटाने और पुनर्वास में परिवार के सहयोग की महत्ता पर जोर दिया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डीआईजी, श्री ए. के. विद्यार्थी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी रोकने की तकनीकी चुनौतियों पर चर्चा की, विशेषकर ड्रोन के बढ़ते उपयोग पर। एम्स बठिंडा के मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. जितेंद्र अनेजा ने युवाओं के सामने नई लतों की समस्याओं जैसे जुआ, गेमिंग और इंटरनेट के प्रति लत पर विचार साझा किए, जबकि एनआईटी जालंधर की डॉ. जसप्रीत कौर ने छात्रों को नशे के खिलाफ मजबूत कौशल सिखाने के सुझाव दिए। वार्तालाप में राज्यभर से मीडिया की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें उन्होंने नशे से निपटने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।

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