अखंड केसरी ब्यूरो :- हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर स्थित शम्भू बॉर्डर पिछले 5 महीनों से किसान आंदोलन के चलते बंद है, जिसका असर अंबाला के बाजारों पर बुरी तरह पड़ा है। इस कारण अंबाला के व्यापारी संगठनों ने आज चार घंटे का बंद रखा, जिससे बाजारों में सन्नाटा छा गया। व्यापारी संगठनों ने शम्भू बॉर्डर को तुरंत खुलवाने की मांग की, ताकि अंबाला के व्यापार को बचाया जा सके।
शम्भू बॉर्डर 13 फरवरी को किसान आंदोलन के शुरू होते ही बंद कर दिया गया था और तब से यह बंद है। इस बंद के कारण अंबाला के बाजारों में पहले दिन से ही मंदी का असर देखा जा रहा है, लेकिन अब व्यापारी संगठनों का धैर्य जवाब दे चुका है। आज अंबाला के बाजारों को सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक चार घंटे के लिए बंद रखा गया, जिससे रोष जताया गया और शम्भू बॉर्डर को खोलने की मांग की गई।
इस बंद का आयोजन जन जागृति संगठन ने किया, जिसमें कपड़ा मार्केट एसोसिएशन, दशमेश मार्केट एसोसिएशन, रेहड़ी फड़ी एसोसिएशन, स्वर्णकार संघ अंबाला, गुड़ बाजार मार्केट, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल, होलसेल जनरल मर्चेंट एसोसिएशन, होलसेल क्लॉथ मार्केट वर्कर संगठन सोसाइटी और ट्रांसपोर्टर्स ने अपना समर्थन दिया।
व्यापारियों का कहना है कि अब उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। उनके सिर पर कर्ज का बोझ है और कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। सरकार ने उनकी समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है, जिससे उन्हें मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा। अगर जल्द ही शम्भू बॉर्डर नहीं खुला तो वे अपने संघर्ष को और तेज करेंगे और अगली रणनीति का एलान भी जल्द करेंगे।


