चम्बा जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई संपर्क मार्ग बंद

बारिश

अखंड केसरी ब्यूरो :-चम्बा जिले के पहाड़ी इलाकों में देर रात से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार हो रही बारिश के कारण जिले के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर भारी नुकसान हुआ है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

 

चुराह उपमंडल के हालात विशेष रूप से गंभीर हैं, जहां लगभग दो दर्जन संपर्क मार्ग बंद हो चुके हैं। चंबा-तीसा मुख्य मार्ग भी इस बारिश की मार से अछूता नहीं रहा, और कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण यह मार्ग बंद हो गया था। इसके चलते इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई थी। हालांकि, पीडब्ल्यूडी विभाग की कड़ी मेहनत और प्रयासों के बाद चंबा-तीसा मुख्य मार्ग को बहाल कर दिया गया है, जिससे यातायात कुछ हद तक सामान्य हो पाया है। इसके बाद अब विभाग के अधिकारी अन्य बंद मार्गों को खोलने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

 

पीडब्ल्यूडी विभाग ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों में अपनी मशीनरी और लेबर को तैनात कर दिया है। विभाग की टीम लगातार मार्गों को खोलने के प्रयास में लगी हुई है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण काम में रुकावटें आ रही हैं। विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि बिना किसी जरूरी कारण के यात्रा से बचें, क्योंकि सड़कों की स्थिति अभी भी सुरक्षित नहीं है और किसी भी समय भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

 

चंबा-तीसा मुख्य मार्ग को खोलने के बाद, अब अन्य मार्गों की बहाली का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है। विभाग के अनुसार, अभी भी दो दर्जन से अधिक मार्ग बंद हैं, जिन्हें जल्द से जल्द खोलने की कोशिश की जा रही है। पीडब्ल्यूडी विभाग के तीसा मंडल के अधिशाषी अभियंता जोगिंदर कुमार ने बताया कि भारी बारिश के चलते चंबा-तीसा मुख्य मार्ग सहित जिले के सैकड़ों छोटे-बड़े मार्ग बंद हो चुके हैं। हालांकि, लगातार हो रही बारिश से मार्गों को खोलने के काम में कठिनाइयाँ आ रही हैं।

 

इस बीच, स्थानीय लोगों में चिंता की लहर है, क्योंकि मार्गों के बंद होने से रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। कई इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में, जहाँ पहले से ही बुनियादी सुविधाओं की कमी है, स्थिति और भी गंभीर हो गई है। कई लोग जरूरी चिकित्सा सेवाओं से भी वंचित हो रहे हैं, क्योंकि एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाएँ भी इन बंद मार्गों के कारण प्रभावित हुई हैं।

 

भारी बारिश के कारण नदियों और नालों में जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रहने के निर्देश दिए हैं। खासकर, पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को भूस्खलन के संभावित खतरों को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

 

सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं, और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। राहत कार्यों के लिए स्थानीय प्रशासन को पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग के साथ-साथ अन्य सरकारी एजेंसियाँ भी स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को राहत पहुँचाने में जुटी हुई हैं।

 

इस भारी बारिश ने जिले के लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो सके। स्थानीय लोगों को भी संयम और धैर्य बनाए रखने की अपील की जा रही है, ताकि इस कठिन समय में एकजुटता के साथ इस संकट का सामना किया जा सके।

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