हिमाचल में बढ़ता कर्ज: सुक्खू सरकार पर विपक्ष का हमला

हिमाचल प्रदेश का कर्ज 1 लाख करोड़ तक पहुंचने के साथ विपक्ष ने सुक्खू सरकार को घेरा है। कर्ज बढ़ने पर सरकार विकास योजनाओं और भांग की खेती से राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

 

जनवरी 31, शिमला:- हिमाचल प्रदेश का कर्ज अब एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला है, और इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तेज़ बहस चल रही है।

पिछले दो सालों में सुक्खू सरकार ने 30,080 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। सरकार का कहना है कि इसमें से 63% हिस्सा पुराने कर्ज के ब्याज और मूल चुकाने में खर्च हुआ। हर महीने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन पर 2,800 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जबकि बिजली बोर्ड को 2,200 करोड़ रुपये का सपोर्ट दिया जा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न विकास योजनाओं पर 11,226 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

सरकार ने हाल ही में भांग की खेती को वैध करने का फैसला लिया है, जिससे वित्तीय राजस्व बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन, इस फैसले पर जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया और कहा कि इसे नियंत्रित करना मुश्किल होगा।

विपक्ष, खासकर भाजपा विधायक विनोद कुमार ने कर्ज लेने की प्रथा के लिए कांग्रेस और वीरभद्र सिंह की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि वीरभद्र सरकार के समय कर्ज बढ़ा और शांता कुमार की सरकार में राज्य कर्ज मुक्त हुआ था, लेकिन कांग्रेस ने फिर से कर्ज का बोझ बढ़ा दिया।

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