भारत का अंतरिक्ष अभियान: 2025 में अहम मिशनों की होगी शुरुआत

नई दिल्ली, जनवरी 9:-केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में ISRO के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ, उनके उत्तराधिकारी डॉ. वी. नारायणन, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

 

2025 में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए कई बड़े मिशन तैयार हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण गगनयान मिशन होगा, जिसमें भारत का पहला “अविराम” कक्षीय परीक्षण होगा। यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की दिशा तय करेगा और अंतरिक्ष में क्रू की सुरक्षा के लिए जरूरी तकनीकी प्रणालियों को परखा जाएगा।

 

इस साल के पहले छह महीनों में ISRO के पास कई अहम मिशन होंगे। इनमें जनवरी में GSLV-F15 मिशन के तहत NVS-02 उपग्रह का प्रक्षेपण होगा, जो भारत की नेविगेशन प्रणाली NavIC को मजबूत करेगा। फरवरी में GSLV-F16 मिशन के तहत नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा, जो NASA के साथ मिलकर विकसित किया गया है। यह उपग्रह कृषि, प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

 

इसके अलावा, मार्च में LVM3-M5 मिशन के तहत वाणिज्यिक उपग्रहों का प्रक्षेपण होगा, जिसमें अमेरिका की AST SpaceMobile कंपनी के BlueBird Block-2 उपग्रह शामिल हैं। इस मिशन से ISRO की वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में स्थिति और मजबूत होगी।

 

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने ISRO की उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक-निजी क्षेत्र सहयोग की जरूरत है। डॉ. एस. सोमनाथ ने आगामी मिशनों को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखा, जबकि डॉ. वी. नारायणन ने ISRO के वैश्विक विस्तार के लिए अपनी रणनीति साझा की।

 

2025 भारत के अंतरिक्ष अभियान के लिए ऐतिहासिक साल साबित हो सकता है, क्योंकि इन मिशनों से ना केवल तकनीकी क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रतिष्ठा भी और मजबूत होगी।

 

Share This Article
Leave a comment