परमाणु शक्ति से लैस आईएनएस अरिघात भारतीय नौसेना में शामिल, दुश्मनों पर पड़ेगा कहर**

परमाणु पनडुब्बी

अखंड केसरी ब्यूरो:-भारतीय नौसेना में आज एक और मील का पत्थर जुड़ने जा रहा है जब परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को सेवा में शामिल किया जाएगा। यह सबमरीन भारत की सामरिक शक्ति को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी, खासकर जब से यह K-15 मिसाइलों से लैस है, जो 750 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन को ध्वस्त करने में सक्षम है। अरिघात, जो कि परमाणु ऊर्जा से संचालित होती है, महीनों तक समुद्र के भीतर रह सकती है और दुश्मनों की नजर से बचकर उन पर घातक प्रहार कर सकती है। इस पनडुब्बी की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह परमाणु त्रयी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे भारत जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु बम दागने की पूरी क्षमता रखता है।

आईएनएस अरिघात, आईएनएस अरिहंत के बाद भारत की दूसरी परमाणु पनडुब्बी है, जो अरिहंत से अधिक सक्षम और कुशल है। यह न केवल भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करेगा, बल्कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों में भी खलबली मचाएगा। भारतीय नौसेना के लिए यह एक बड़ा कदम है, जो कि हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। अरिघात की क्षमता और इसकी उन्नत तकनीक इसे एक दुर्जेय हथियार बनाती है, जो भारतीय नौसेना की ताकत को नए आयाम प्रदान करेगी।

इसके साथ ही, भारत सरकार ने देश की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अगली परमाणु पनडुब्बी पर भी काम शुरू कर दिया है, जिसे आईएनएस अरिदमन के नाम से जाना जाएगा। यह पनडुब्बी अगले साल नौसेना में शामिल की जाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 90,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। आईएनएस अरिघात के समंदर में उतरने से भारत की सामरिक स्थिति में और भी सुधार होगा, जिससे देश के दुश्मनों के खिलाफ उसकी तैयारियों को एक नई धार मिलेगी।

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