अखंड केसरी ब्यूरो:- राजस्थान के सीमावर्ती इलाके अनूपगढ़ में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक पाकिस्तानी ड्रोन और हेरोइन की भारी खेप बरामद की गई है। यह घटना सीमा सुरक्षा बल (BSF) की सतर्कता और स्थानीय नागरिकों की सक्रियता के कारण उजागर हो सकी। बताया जा रहा है कि यह घटना अनूपगढ़ के 30APD क्षेत्र के पास हुई, जो कि भारत-पाक सीमा के समीप स्थित है। इस घटना ने एक बार फिर से सीमा पार से होने वाली नशीले पदार्थों की तस्करी की गंभीरता को उजागर किया है, जिसमें अब अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।
जांच में एक पाकिस्तानी ड्रोन निकला
इस घटना का खुलासा उस समय हुआ जब एक स्थानीय किसान अपने खेत में काम कर रहा था। अचानक उसकी नजर खेत में गिरे हुए एक अज्ञात वस्तु पर पड़ी, जो बाद में जांच में एक पाकिस्तानी ड्रोन निकला। यह ड्रोन अपने साथ हेरोइन की बड़ी खेप लेकर आया था, जिसका वजन लगभग 3 किलो बताया जा रहा है। इस हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 15 करोड़ रुपये आंकी गई है। किसान ने तुरंत इस संदिग्ध वस्तु की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी, जिसके बाद BSF ने मौके पर पहुंचकर ड्रोन और हेरोइन को अपने कब्जे में ले लिया।
हेरोइन जैसी मादक पदार्थों को भारतीय सीमा में गिराना एक नई चुनौती
BSF की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े नशीले पदार्थों की तस्करी के प्रयास को विफल कर दिया। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी तस्कर नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ड्रोन का इस्तेमाल करके हेरोइन जैसी मादक पदार्थों को भारतीय सीमा में गिराना एक नई चुनौती है, जिसका सामना BSF को करना पड़ रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब ड्रोन का इस्तेमाल सीमा पार से नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया गया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां ड्रोन का इस्तेमाल करके हथियार और नशीले पदार्थों को भारतीय सीमा में गिराने की कोशिश की गई है।
ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके वे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चकमा
अनूपगढ़ में हुई इस घटना ने एक बार फिर से सीमा सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि BSF की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इस बार तस्करी के इस प्रयास को नाकाम कर दिया, लेकिन इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पार से तस्करी करने वाले लगातार नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं। ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके वे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं।BSF ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि यह ड्रोन सीमा पार से आया है और इसका उद्देश्य नशीले पदार्थों की तस्करी था। ड्रोन की तकनीकी जांच की जा रही है ताकि उसके उड़ान पथ और प्रेषक की पहचान की जा सके। इसके अलावा, BSF स्थानीय निवासियों को भी इस प्रकार की घटनाओं के प्रति सतर्क रहने के लिए जागरूक कर रही है। स्थानीय निवासियों को ऐसे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना BSF या स्थानीय पुलिस को देने की अपील की जा रही है, ताकि इस प्रकार की तस्करी की घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।
यह घटना इस बात का भी संकेत देती है कि भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है। ड्रोन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके तस्करी करने वाले लगातार सुरक्षा बलों को चुनौती दे रहे हैं, और इस चुनौती का सामना करने के लिए BSF को भी अपनी तकनीक और रणनीतियों को और अधिक सुदृढ़ करना होगा। भारत सरकार को भी इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सीमा पार से होने वाली तस्करी पर लगाम लगाई जा सके।
समाप्ति में, अनूपगढ़ की यह घटना सीमा सुरक्षा की दृष्टि से एक गंभीर चेतावनी है। इसने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पार से नशीले पदार्थों की तस्करी के प्रयास अब पहले से कहीं अधिक संगठित और तकनीकी रूप से सुसज्जित हो गए हैं। ऐसे में BSF और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना होगा।