अखंड केसरी ब्यूरो :- राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आज संसदीय सत्र के दौरान विपक्ष के आचरण पर निराशा व्यक्त की। सत्र की समाप्ति के बाद अपनी समापन टिप्पणी में, श्री धनखड़ ने विपक्ष के नेता के सदन के वेल में आने को संसदीय आचरण और मर्यादा का अपमान बताया। सदन को विचार-विमर्श, चर्चा, संवाद और बहस का मंदिर बताते हुए श्री धनखड़ ने यह भी कहा कि वह सदन के सदस्यों से अपने आचरण का अनुकरण करने की अपेक्षा करते हैं। श्री धनखड़ ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव में 19 नवनिर्वाचित सदस्यों के पहले भाषण सहित 76 सदस्यों ने भाग लिया।


