अखंड केसरी ब्यूरो :-अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब के पांच सिंह साहिबान ने तनखैया घोषित कर दिया है। यह फैसला अकालियों के बागी गुट द्वारा दिए गए आरोपों के बाद लिया गया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल की सरकार के दौरान विभिन्न धार्मिक गलतियां हुई हैं, और इसके लिए सुखबीर बादल को जिम्मेदार ठहराया गया। विशेष रूप से, राम रहीम को माफी देने के मामले में सुखबीर बादल की भूमिका पर सवाल उठाया गया था, जिसे लेकर उन्हें सख्त धार्मिक सजा सुनाई गई है।
इससे पहले, बागी अकालियों और विरोधी पंथक नेताओं की मांग थी कि श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले से पहले सुखबीर बादल को अकाली दल के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। लेकिन इस मांग को नजरअंदाज करते हुए सुखबीर बादल ने अकाली नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ को अकाली दल बादल का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया, जबकि खुद अध्यक्ष पद पर बने रहे। उन्होंने घोषणा की थी कि वे अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबान के समक्ष पेश होकर मिलने वाली धार्मिक सजा को स्वीकार करेंगे।
यह फैसला अकाली दल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इसका असर पार्टी की साख पर पड़ सकता है। सुखबीर बादल का तनखैया घोषित होना और उनके खिलाफ धार्मिक सजा का सुनाया जाना, पार्टी के अंदर चल रहे विवाद और बागी गुटों के बढ़ते दबाव का परिणाम है। अब देखना होगा कि सुखबीर बादल और अकाली दल इस परिस्थिति से कैसे निपटते हैं और पार्टी के भीतर एकता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाते हैं।


