अखंड केसरी ब्यूरो :-सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को चेतावनी दी है कि वह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करे और संयम बरते। इस मामले में प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के प्रति धैर्य से काम ले और उनके साथ अनावश्यक रूप से कड़ी कार्रवाई न करे।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब उनके आचरण की जांच चल रही थी, तो उन्हें तुरंत किसी अन्य कॉलेज में कैसे नियुक्त कर दिया गया? यह सवाल उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि राज्य सरकार ने इस तरह की नियुक्ति क्यों की और इसके पीछे क्या तर्क था।
प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार से उम्मीद की जाती थी कि वह कानून और व्यवस्था बनाए रखे और अपराध स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने इस पर भी चिंता व्यक्त की कि राज्य सरकार ऐसा करने में असफल क्यों रही। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए स्पष्ट किया कि राज्य की जिम्मेदारी होती है कि वह कानून और व्यवस्था बनाए रखे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचाए।