1. मुख्यमंत्री योगी का बड़ा फैसला: शरणार्थियों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक

अखंड केसरी ब्यूरो :-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देने के निर्देश दिए हैं, यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य में बसे हुए शरणार्थियों की स्थिति में सुधार लाएगा। कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने जानकारी दी कि प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं, जहां शरणार्थियों को अब तक जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिल सका है। मुख्यमंत्री ने इस विषय पर राजस्व परिषद के अधिकारियों के साथ बैठक की और स्पष्ट निर्देश दिए कि जिस जमीन पर शरणार्थी काबिज हैं, उस जमीन पर उन्हें मालिकाना हक दिया जाए। रामपुर, पीलीभीत, बिजनौर से लेकर बहराइच तक ऐसी कई जमीनें हैं, जिन पर शरणार्थी काबिज हैं, लेकिन उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला है।

बिना मालिकाना हक के वे अपनी जमीन पर खेती-बाड़ी

शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देने का यह निर्णय एक सामाजिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कदम है। इससे शरणार्थियों को न केवल स्थिरता और सुरक्षा मिलेगी, बल्कि वे अपने जीवन को नए सिरे से व्यवस्थित कर सकेंगे। वर्तमान में, बिना मालिकाना हक के वे अपनी जमीन पर खेती-बाड़ी या अन्य आर्थिक गतिविधियाँ करने में असमर्थ होते हैं। यह निर्णय उन्हें अपनी जमीन पर स्थायी रूप से निवास करने और अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान करेगा। इससे शरणार्थियों में आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भावना भी बढ़ेगी, जो उनके समाज में एक सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

समस्याओं का समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय राज्य सरकार की सामाजिक न्याय और विकास की नीतियों के तहत आता है। शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देना उनके लिए न्यायपूर्ण और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय राज्य में शरणार्थियों की दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल शरणार्थियों को स्थिरता मिलेगी, बल्कि यह राज्य की समग्र विकास की गति भी बढ़ेगी। इसके साथ ही, इस निर्णय से अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वे अपने यहाँ बसे हुए शरणार्थियों की समस्याओं का समाधान करें।

आवश्यक दस्तावेजी प्रक्रिया को सरल और सुगम

इस निर्णय से राज्य के राजस्व और भूमि सुधार विभागों को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि शरणार्थियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक बिना किसी बाधा के मिल सके। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजी प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाना होगा ताकि शरणार्थी बिना किसी परेशानी के अपनी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही, राज्य सरकार को शरणार्थियों के पुनर्वास और उनके आर्थिक उत्थान के लिए भी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करना होगा।

अपने परिवारों के साथ स्थायी रूप से निवास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय से शरणार्थियों में एक नई उम्मीद जगी है। वे अब अपने भविष्य को सुरक्षित और स्थिर रूप में देख सकते हैं। जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने के बाद, वे अपने परिवारों के साथ स्थायी रूप से निवास कर सकेंगे और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए विभिन्न प्रयास कर सकेंगे। इससे न केवल उनकी व्यक्तिगत स्थिति में सुधार होगा, बल्कि राज्य, की समग्र आर्थिक स्थिति में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।

समर्पण और सामाजिक न्याय की दिशा

शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देने के निर्णय से राज्य में एक नए युग की शुरुआत होगी, जहां सभी नागरिकों को न्याय, सुरक्षा और विकास के समान अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय उनके समर्पण और सामाजिक न्याय की दिशा में उनके प्रयासों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह निर्णय राज्य की समृद्धि और विकास के मार्ग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य में बसे हुए शरणार्थियों की स्थिति में सुधार लाएगा।

 

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