अकाली दल को एक और झटका: वरिष्ठ नेता अनिल जोशी ने पार्टी को कहा अलविदा

अनिल जोशी ने 2021 में भाजपा को अलविदा कहकर शिरोमणि अकाली दल का दामन थामा था। वे किसानों के मुद्दे पर भाजपा से अलग हुए थे।

चंडीगढ़ /न्यूज डेस्क
वरिष्ठ नेता अनिल जोशी ने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
अनिल जोशी ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल का अकाली दल के लिए जो दृष्टिकोण था, वह अब खत्म हो चुका है और सुखबीर सिंह बादल भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए कोई चर्चा या प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जोशी ने आगे टिप्पणी की कि अकाली दल अब केवल पंथक राजनीति पर केंद्रित है और अपने राजनीतिक दृष्टिकोण में भ्रमित प्रतीत होता है।

भाजपा में थे निकाय मंत्री

अनिल जोशी शिअद-भाजपा सरकार (2012-2017) के दौरान स्थानीय निकाय मंत्री थे। उन्होंने 2021 में किसानों के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ जाने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। भाजपा से निष्कासित किए जाने के बाद पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने कहा था कि अब वे किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं हैं। अगर उन्हें इजाजत मिली तो वह दिल्ली बार्डर पर जाकर किसानों के जज्बे को सलाम करेंगे। हालांकि कुछ ही दिनों के बाद वे अकाली दल में शामिल हो गए थे।

आत्ममंथन के बाद दिया इस्तीफा

जोशी ने अपने त्यागपत्र में कहा कि वह खुद को पार्टी में मिसफिट पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह शिअद में शामिल हुए थे क्योंकि पार्टी पंजाब के लोगों, किसानों के लिए खड़ी थी लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा। उन्हें अकाली दल में अपने लिए कोई जगह नहीं दिख रही है। उनका मकसद लोगों का विकास था। आत्ममंथन के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे कि अब पार्टी में बने रहना असंभव है। जोशी ने अपने इस्तीफे में लिखा कि पार्टी में जो असली मुद्दे हैं, उनकी बात ही नहीं हो रही। अब पार्टी केवल धर्म और पंथक एजेंडे में उलझ गई है।

अमृतसर उत्तरी सीट से रह चुके हैं विधायक

अनिल जोशी अमृतसर उत्तरी विधानसभा सीट के पूर्व विधायक हैं। उन्होंने भाजपा के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। कृषि कानूनों के समय वे पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए थे।

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