यह बात पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ में कही। इस दौरान, सीएम मान 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित कर रहे थे। उन्होंने युवाओं को नसीहत दी कि अगर कभी मन मुताबिक रिजल्ट नहीं आए, तो निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “एक बंद पड़ी घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है, तो फिर हम तो जिंदा हैं।” हालांकि, उन्होंने हरियाणा के 18 स्कूलों का जीरो प्रतिशत रिजल्ट आने का जिक्र भी किया और कहा कि शुक्र है कि पंजाब में ऐसा नहीं है।
अब करियर गाइडेंस भी स्कूलों में
सीएम मान ने कहा कि, सभी टॉपर्स उनके लिए एक सम्मान है। उनके लिए सभी फर्स्ट हैं। हालांकि, पास फॉर्मूला उम्र के हिसाब से चलता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि यह स्टेज आपके लिए महत्वपूर्ण है। इसके बाद आपके करियर का टर्निंग प्वाइंट आना है, इसलिए आपको उचित राह मिल पाए। इसके लिए पंजाब सरकार की तरफ से करियर गाइडेंस की जा रही है। पहले यह चीजें नहीं बताई जाती थीं, जिसके कारण कई बार लोग दूसरों की सलाह से गलत विकल्प चुन लेते थे। अब करियर के विकल्प बहुत ज्यादा हैं। जिस चीज को ठान लें, उसे पूरा करके हटें।
किताबों से जिंदगी बदल सकती है
सीएम ने कहा कि अगर बच्चे के अंदर यह आ जाए कि यह किताब जिंदगी बदल सकती है, तो बच्चा फिर जुनून से पढ़ता है। उन्होंने बताया कि टॉप तीन में मालवा है और छोटे-छोटे गांव के बच्चे कमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव वालों में तरक्की का जुनून बहुत अधिक होता है, जो अच्छी बात है।
हमेशा जड़ों को याद रखे
सीएम ने कहा कि, पंजाब के युवा किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं। अमेरिका की जहाज बनाने वाली बोइंग कंपनी में लगभग 200 से अधिक इंजीनियर पंजाबी हैं, जिनमें से 70 गुरु नानक देव इंजीनियर कॉलेज, लुधियाना के हैं। इसी तरह, माइक्रोसॉफ्ट में 50 भारतीय हैं, जिनमें अधिकतर पंजाबी हैं। उन्होंने कहा कि बहुत मौके आपके पास आएंगे, इसलिए बिल्कुल घबराना नहीं है। जो फर्स्ट आए हैं, उन्हें बधाई है। फर्स्ट आकर अहंकार नहीं करना है। जितनी मर्जी तरक्की कर लो, लेकिन अपनी जड़ों को हमेशा याद रखें। जो कि आपकी सफलता में शामिल रहे, उनकी रेस्पेक्ट दीजिए।
दसवीं का रिजल्ट 95.60% रहा
बता दें कि, पीएसईबी का दसवीं कक्षा का रिजल्ट 95.60% रहा है। जबकि 12वीं कक्षा रिजल्ट 91% रहा है। टॉप तीनों स्थानों पर बेटियां रही थी। यह पहला मौका नहीं है, जब सीएम स्टूडेंट्स से मिलने जा रहे हैं। वह पहले भी बेहतर काम करने वाले छात्रों व शिक्षकों से मुलाकात करते आए हैं।


