विजिलेंस ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई : विजिलेंस ने आठ बैंकों को पत्र लिखकर 12 खातों में हुए करोड़ों रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड मांगा

चंडीगढ़ शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर आय से अधिक संपत्ति मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस ने आठ बैंकों को पत्र लिखकर 12 खातों में हुए करोड़ों रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड तलब किया है।  अलग-अलग बैंक खातों से जिन जाली कंपनियों, फर्मों और लोगों के बीच जो लेन-देन हुआ है, विजिलेंस उनका पता लगा रही है। इनमें कुछ खाते जाली कंपनियों, फर्मों, मजीठिया परिवार, उनके करीबियों और अन्य लोगों के बैंक खाते शामिल हैं।

बीते 10 से 15 साल में मजीठिया से जुड़े लेन-देन के जरिये विजिलेंस बेनामी और आय से अधिक संपत्ति बनाने के लिंक खंगाल रही है ताकि उन करोड़ों रुपये के पैसों का असली स्रोत पता लगाया जा सके। विजिलेंस के अधिकारियों के मुताबिक मजीठिया और उसके परिवार के नाम पर 150 करोड़ रुपये तक की संपत्तियों व 100 करोड़ के करीब लेन-देन से जुड़े दस्तावेजों के मिलने के बाद बैंकों को रिकॉर्ड के लिए यह पत्र लिखा गया है। विजिलेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मजीठिया की पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर फर्मों व कंपनी में शेयर, संपत्ति और हिस्सेदारी से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। अब बैंकों से मांगे रिकॉर्ड के जरिये इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त, हिस्सेदारी और मुनाफे को भी खंगाला जाएगा। विजिलेंस इन सभी तथ्यों के जरिये इस बात का मूल्यांकन और सबूत इकट्ठा करने में जुट गई है, जिससे यह साबित हो सके कि अवैध रूप से बनाई गई संपत्तियों में असल कनेक्शन और स्रोत क्या है। बीते दिनों पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में भी मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मजीठिया के अलग-अलग राज्यों में सामने आई संपत्तियों का विजिलेंस जांच को लेकर हवाला दिया था।

मजीठिया की कंपनियों में करोड़ों के ट्रांजेक्शन

मजीठिया पर ड्रग्स रैकेट से जुड़े आरोप भी हैं। विजिलेंस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं इन कंपनियों के जरिये हुए लेने-देन में ड्रग्स तस्करी का लिंक तो नहीं है। विधानसभा में सीएम भगवंत सिंह मान ने मजीठिया की पत्नी विधायक गनीव कौर मजीठिया पर भी तंज कसते हुए कहा था कि जो 540 करोड़ रुपये देने की बात कह रहे थे, वह सदन में उपस्थित होकर सरकार के सवालों का जवाब देने की जगह यहां क्यों मौजूद नहीं है।

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