सरकारी वकील ने कहा कि मजीठिया के वकीलों ने एक एप्लिकेशन दायर की थी, लेकिन वह कानूनी रूप से सही नहीं थी। इसलिए उन्होंने वह एप्लिकेशन वापस ले ली है। वहीं, मजीठिया के वकीलों का कहना था कि रिमांड को लेकर कल जो रिमांड ऑर्डर आया था, उसमें 6 जून लिखा था, जबकि आज सुबह जो ऑर्डर आया है, उसमें 6 जुलाई लिखा हुआ था। ऐसे में सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई। वहीं, आज नई एप्लीकेशन आज ही फाइल करेंगे। अब मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
मजीठिया का आरोप- गलत तरीके से पुलिस हिरासत में रखा
मजीठिया की याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देते हुए रिमांड आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। मजीठिया का आरोप है कि उन्हें गलत तरीके से पुलिस हिरासत में रखा गया है। 25 जून को सुबह 9 बजे के करीब पुलिस उनके अमृतसर स्थित घर पहुंच गई थी। लेकिन 11.20 तक उन्हें अवैध हिरासत में रखा। उन्होंने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। अकाली दल का कहना यह केस उस खारिज रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया है। जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। शीर्ष कोर्ट में भी पंजाब सरकार के वकीलों ने यही तथ्य रखे थे।
इससे पहले दो जुलाई को मजीठिया को 7 दिन का रिमांड खत्म होने पर पेश किया गया। कोर्ट ने विजिलेंस ने जांच में उनकी प्रॉपर्टी को लेकर नए चीजें सामने रखी। साथ ही कहा कि यूपी के गोरखपुर जाकर मामले की जांच करनी है। कोर्ट ने सारे तथ्य सुनने के बाद चार दिन का रिमांड दिया है। रविवार को उनका रिमांड खत्म हो रहा है।


