गुरदासपुर पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले दो आरोपियों को किया गिरफ्तार, कैश और कारतूस बरामद

गुरदासपुर। गुरदासपुर पुलिस ने जासूसी विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सैन्य जानकारी भेजने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डीजीपी गौरव यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की जानकारी साझा की।

वहीं डीआईजी बॉर्डर रेंज सतिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि संवेदनशील सैन्य जानकारी लीक करने में शामिल दो आरोपितों को गिरफ्तार करके राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के प्रयास को विफल कर दिया है। दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया है। उनके मोबाइल की फोरेंसिक जांच से खुफिया सूचनाओं की पुष्टि हुई है।

दोनों आरोपियों को आज गुरदासपुर की कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट द्वारा पुलिस को दोनों आरोपियों का पुलिस को दो दिन का रिमांड दिया है।

दोनों आरोपी सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह को कोर्ट ले जाते हुए पुलिस।
दोनों आरोपी सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह को कोर्ट ले जाते हुए पुलिस।
पकड़े गए आरोपी सुखप्रीत सिंह का फाइल फोटो।
पकड़े गए आरोपी सुखप्रीत सिंह का फाइल फोटो।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान

जानकारी के अनुसार आरोपियों की पहचान सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह के रूप में हुई है। सुखप्रीत आदियां का रहने वाला है, जबकि करणबीर चंदूवडाला का निवासी है। दोनों आरोपी ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक कर रहे थे। इसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेना की आवाजाही तथा महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों की जानकारी शामिल थी।

3 मोबाइल और 8 जिंदा कारतूस बरामद

पुलिस ने आरोपियों से एक लाख रुपए, 3 मोबाइल और 30 बोर के 8 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। मोबाइल की फोरेंसिक जांच से पुष्टि हुई है कि आरोपी आईएसआई हेंडलर्स के सीधे संपर्क में थे। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तान को भेजी थी। दोरांगला पुलिस थाने में गोपनीयता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जांच जारी है और इस दौरान अन्य महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।

आरोपी सुखप्रीत के परिवार का बयान

वहीं आरोपी सुखप्रीत का परिवार मीडिया के सामने आया है। परिवार ने कहा कि उनका बेटा ऐसा नहीं कर सकता। उसकी उम्र अभी 19 साल है और उसने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की हुई है। वह कभी बॉर्डर के पास नहीं गया और घरवाले दूसरे लड़के कर्णबीर को नहीं जानते हैं।

बेटे के खाते में कोई भी पैसा नहीं आया

उन्होंने मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए। उनके बेटे के खाते में कोई भी पैसा नहीं आया और ना ही उसके पास कोई दस्तावेज मिले है जा कोई असला मिला है। सुखप्रीत सिंह का एक साधारण परिवार है और पिता की महज एक एकड़ जमीन है और वह लकड़ बेचने का काम करता है?

पिता का कहना है की पड़ाई के बाद उनका बेटा उनके साथ ही काम कर रहा है और परिवार में एक बड़ी बेटी है जिसकी शादी हुई है और दो बेटों में सुखप्रीत सबसे छोटा है।

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