चंडीगढ़/अखंड केसरी ब्यूरो
ज्यादा खपत के बावजूद मुफ्त बिजली की सुविधा का लाभ लेने के लालच ने पंजाब में बिजली चोरी को बढ़ावा दिया है। आंकड़ों के मुताबिक एक ही साल में पंजाब में 1600 करोड़ की बिजली चोरी हो गई है। इस दौरान कुल बिजली वितरण घाटा 11.60 फीसदी रहा है। सबसे अधिक घाटा तरनतारन सर्कल में 34.67 फीसदी, फिरोजपुर में 31.95 फीसदी, अमृतसर सब अर्बन में 26.78 फीसदी, मुक्तसर में 25.05 व संगरूर सर्कल में 18.44 फीसदी दर्ज किया गया है। अगर जोन की बात करें, तो बार्डर जोन में सबसे अधिक 24.52 फीसदी बिजली वितरण घाटा रहा है। यहां चिंता वाली बात यह है कि पावरकॉम के ठेके पर रखे मीटर रीडरों की मिलीभगत भी बिजली चोरी के केसों में सामने आ रही है। रीडिंग के हिसाब से मामूली पेमेंट पाने वाले यह रीडर पैसा कमाने के चक्कर में लोगों के साथ मिलीभगत करके पावरकॉम को चूना लगा रहे हैं। यहां गौरतलब है कि वितरण की गई बिजली के हिसाब से बिल का न आना बिजली वितरण घाटा है। बिजली की ज्यादा खपत के बावजूद दो महीने का बिल 600 यूनिट के नीचे रहे, इसके लिए लोगों में बिजली चोरी का चलन बढ़ गया है। इसमें लोगों की ओर से या गैरकानूनी ढंग से कुंडी डाली जा रही है या फिर पावरकॉम के मीटर रीडरों को पैसे का लालच देकर इनकी मदद से रीडिंग पीछे करा ली जाती है। एक ही साल में पंजाब में तकरीबन 2200 लाख यूनिट बिजली की चोरी हुई है, जिसकी कीमत करीब 1600 करोड़ रुपये बनती है। खास बात यह है कि मुफ्त बिजली सुविधा शुरू होने से पहले साल 2021-22 में पंजाब में 1300 करोड़ की बिजली चोरी हुई थी। पावरकॉम अधिकारियों के मुताबिक बिजली चोरी में 300 करोड़ की यह वृद्धि बेहद चिंताजनक है। उनके मुताबिक मुफ्त होने के कारण पंजाब में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आने वाले समय में बिजली चोरी भी और बढ़ेगी।
पावरकॉम ने करीब 40 मीटर रीडरों पर की कार्रवाई
पावरकॉम की ओर से पिछले कुछ महीनों के दौरान 40 मीटर रीडरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन पर आरोप थे कि खपतकारों के साथ मिलीभगत करके इन रीडरों ने मीटरों के साथ छेड़छाड़ करते हुए इनकी रीडिंग पीछे की। पावरकॉम की इंफोर्समेंट टीमों की ओर से की चेकिंग के दौरान इन मीटर रीडरों की यह चोरी पकड़ी गई।


