लुधियाना पुलिस ने 15 दिन के अंदर किया दूसरा एनकाउंटर

10 किलोमीटर तक पुलिस ने किया पीछा, चार गोलियां लगने से हुआ ढेर

लुधियाना/अखंड केसरी ब्यूरो

पंजाब की लुधियाना पुलिस ने 15 दिन के अंदर दूसरा एनकाउंटर किया है। बुधवार को हुए एनकाउंटर में गैंगस्टर सुखदेव सिंह उर्फ विक्की की मौत चार गोली लगने से हुई है।  इससे पहले पुलिस ने 10 किलोमीटर तक उसका पीछा किया था। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सिविल अस्पताल के दो डॉक्टरों पर आधारित एक बोर्ड ने गैंगस्टर का पोस्टमार्टम किया। इसमें पता चला कि एक गोली सिर, दूसरी छाती, तीसरी और चौथी जांघ के पास लगी थी।   तीन गोली तो आर-

पार हो गईं जबकि एक गोली पोस्टमार्टम में निकली। इसे पुलिस के हवाले कर दिया गया है। सुखदेव सिंह उर्फ विक्की के पिता बलविंदर सिंह और दो भाई सिविल अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिवार को सौंप दिया। माछीवाड़ा में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार करवाया गया। उधर, घटनास्थल पर दूसरे दिन भी पुलिस की कई टीमों ने जांच की। साथ ही कई जांच एजेंसियां भी घटनास्थल का दौरा करने पहुंचीं। फॉरेंसिक टीम भी दूसरे दिन कई सबूत जुटाने में लगी रही। थाना कूमकलां की पुलिस ने इंस्पेक्टर बेअंत जुनेजा की शिकायत पर सुखदेव सिंह उर्फ विक्की के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सुखदेव सिंह उर्फ विक्की बिना नंबर की बाइक से कोहाड़ा की तरफ जा रहा था। जब गांव पंजेटा में पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो आरोपी ने अचानक पुलिस पर फायरिंग कर दी। एक गोली एएसआई दलजीत सिंह की टांग पर लगी। एक गोली इंस्पेक्टर बेअंत जुनेजा के पेट के पास लगी, लेकिन उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखी थी तो उनका बचाव हो गया। पुलिस को सुखदेव विक्की के पास से 32 बोर का पिस्तौल, मैगजीन और कारतूस के तीन खोल मिले हैं।

पुलिस को चकमा देता रहा

गांव पंजेटा में घेराबंदी से पहले ही पुलिस को सूचना थी कि विक्की माछीवाड़ा से निकल चुका है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की रास्ते में ही लोकेशन पता कर ली थी। आरोपी को भी कहीं न कहीं पता चल चुका था कि उसके पीछे पुलिस लगी है। आरोपी सोच रहा था कि वह लोकेशन लगातार बदलेगा और पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाएगा लेकिन पुलिस पूरी तैयारी के साथ आई थी। गांव पंजेटा के पास पुलिस ने आरोपी की घेराबंदी कर ली और क्रास फायरिंग में आरोपी की मौत हो गई।

पिता ने कहा- सात साल पहले कर दिया था बेदखल

सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने पहुंचे सुखदेव विक्की के पिता बलविंदर सिंह ने पहले तो कोई बात नहीं की। बाद में उन्होंने कहा कि सात साल पहले उन्होंने बेटे को बेदखल कर दिया था। सुखदेव विक्की पहले ही मारपीट करता था। इस वजह से परेशान होकर उन्होंने बेटे को बेदखल कर दिया और घर से निकाल दिया था। वह परिवार से अलग रह रहा था। उन्होंने कहा कि सात साल से उन्होंने सुखदेव का चेहरा तक नहीं देखा। सुखदेव की मौत का पता भी उन्हें खबरों से ही चला। पिता के साथ अस्पताल पहुंचे सुखदेव के भाइयों ने बात करने से साफ तौर पर मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ पता नहीं है।

एसआईटी गठित

आईजी (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि एनकाउंटर मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (ग्रामीण) जसकिरणजीत सिंह तेजा टीम एसआईटी के प्रमुख होंगे। वहीं एडीसीपी 4 तुषार गुप्ता, एडीसीपी क्राइम रुपिंदर कौर सरां और थाना डिवीजन सात के एसएचओ इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह एसआईटी का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह टीम एनकाउंटर मामले की जांच करेगी और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेगी।

लूट की दो वारदातों में पुलिस को थी तलाश

कुछ दिन पहले चार लुटेरों ने लुधियाना के एक मनी एक्सचेंजर पर फायरिंग कर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। वहीं चंडीगढ़ रोड पर स्थित मेडिकल स्टोर के मालिक की टांग पर गोली मारकर एक लाख रुपये की लूट की थी। लुधियाना पुलिस की कई टीमें मामले की जांच में जुटी थीं। बताया जा रहा है कि पुलिस को सुखदेव सिंह और उसके तीन साथियों के बारे में सूचना मिली कि इन आरोपियों ने दोनों लूट की वारदातों को अंजाम दिया है। इसके बाद पुलिस ने सुखदेव के तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं सुखदेव की तलाश थी।

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