पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में पटियाला जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने शुरू की भूख हड़ताल

पटियाला/अखंड केसरी ब्यूरो

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में पटियाला जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने मंगलवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। सुबह करीब साढ़े आठ बजे जेल स्टाफ ने नाश्ता व चाय दिया। मगर राजोआना ने लेने से इंकार कर दिया। हालांकि जेल अधिकारियों के अनुसार उन्होंने राजोआना से नाश्ता करने की अपील की लेकिन वह भूख हड़ताल न तोड़ने पर अड़े हैं। दरअसल, बलवंत सिंह राजोआना ने एसजीपीसी से राष्ट्रपति के पास दायर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग वाली याचिका वापस लेने को कहा था। याचिका वापस न लेने पर राजोआना ने हड़ताल शुरू की। दोपहर करीब 12 बजे रोजाआना की बहन कमलदीप कौर उनसे मुलाकात करने जेल भी पहुंची। कमलदीप कौर ने कहा कि राजोआना की भूख हड़ताल एसजीपीसी की ओर से दाखिल याचिका को वापस लेने तक जारी रहेगी। कमलदीप कौर ने कहा कि राजोआना ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को खुद इस मामले की अगुवाई करने की अपील की है। कमलदीप कौर ने सभी सिख नेताओं व जत्थेबंदियों से अपील की है कि इस मसले पर एकजुट होकर जल्द से जल्द राजोआना के हक में फैसला लें। उन्होंने माना कि फांसी की सजा माफी की दया याचिका पर फैसला न होने से राजोआना नाराज हैं। गौरतलब है कि श्री अकाल तख्त साहिब के निर्देश पर एसजीपीसी ने राजोआना की फांसी की सजा माफ कर इसे उम्रकैद में बदलने के लिए 25 मार्च 2012 को एक दया याचिका राष्ट्रपति के पास दायर की गई थी। 12 साल बीत जाने के बावजूद आज तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

जेल से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को तीन बार लिखी चिट्ठी

बीते दिनों राजोआना ने जेल से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को तीन बार चिट्ठी लिखकर मामले में हस्तक्षेप करते हुए एसजीपीसी की ओर से दायर याचिका को वापस लेने की अपील की थी। राजोआना ने पहली चिट्ठी सात नवंबर, दूसरी 14 नवंबर व तीसरी 28 नवंबर को लिखी थी। अपील वापस न होने की सूरत में पांच दिसंबर से जेल में भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने जेल में पहुंचकर राजोआना से मुलाकात की थी और हड़ताल पर न जाने की अपील की थी। सोमवार को अकाली दल का शिष्टमंडल भी राजोआना से मुलाकात करने पटियाला जेल पहुंचा था। इस शिष्टमंडल में वरिष्ठ अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया व विरसा सिंह वल्टोहा शामिल थे लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर अकाली नेताओं को जेल के मेन गेट पर रोक लिया था। इन्हें मुलाकात करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
Share This Article
Leave a comment