अखंड केसरी ब्यूरो:-पंजाब के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब कॉरिडोर का मुद्दा उठाया, जिसमें उन्होंने सदन के समक्ष तीन महत्वपूर्ण मांगें रखीं। राघव चड्ढा ने कहा कि 1947 में देश के विभाजन के समय पंजाब का भी बंटवारा हुआ, जिससे कई ऐतिहासिक और धार्मिक गुरुद्वारे, जिनमें ननकाना साहिब भी शामिल है, पाकिस्तान के हिस्से में चले गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ननकाना साहिब, जो सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का जन्म स्थान है, वहां के दर्शन और मत्था टेकने का अधिकार हर श्रद्धालु को मिलना चाहिए, ठीक उसी प्रकार जैसे करतारपुर कॉरिडोर के जरिए संगत को यह अवसर मिला है।
राघव चड्ढा तीन मुख्य मांगें सदन के समक्ष रखीं
राघव चड्ढा ने सदन में बताया कि ननकाना साहिब, जो लाहौर से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, पंजाब के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है और इसके लिए सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने तीन मुख्य मांगें सदन के समक्ष रखीं: पहली, करतारपुर कॉरिडोर की तरह ननकाना साहिब के लिए भी एक कॉरिडोर का निर्माण होना चाहिए ताकि संगत को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अवसर मिल सके; दूसरी, ननकाना साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा, पासपोर्ट, या किसी अन्य जटिल प्रक्रिया की आवश्यकता न हो, जिससे यात्रा में कोई बाधा न आए; और तीसरी, अमृतसर के अटारी-वाघा बॉर्डर से ननकाना साहिब तक जाने वाली सड़क को ‘सेफ पैसेज’ घोषित किया जाए, ताकि संगत बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सके।
ननकाना साहिब कॉरिडोर को जल्द से जल्द साकार
राघव चड्ढा ने सदन से अपील की कि इन मांगों पर विचार करते हुए ननकाना साहिब कॉरिडोर को जल्द से जल्द साकार किया जाए, ताकि श्रद्धालु अपने धार्मिक स्थलों तक पहुंच सकें और भारत-पाकिस्तान के बीच की सांस्कृतिक और धार्मिक दूरियों को पाटने में यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सके।


