किसान संगठनों में फूट : आंदोलन के लिए एकता लाने का प्रयास-जोगिंदर सिंह उगराहां

सभी किसान संगठनों की शनिवार को पटियाला में एक सांझी बैठक हुई। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर राजनीतिक) की तरफ से किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, बलदेव सिंह जीरा, मनजीत सिंह राय, तेजवीर सिंह आदि ने हिस्सा लिया।

शंभू-खनौरी बॉर्डर किसान आंदोलन और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन लगातार जारी है। डल्लेवाल के अनशन को शनिवार को 26 दिन पूरे हो गए हैं। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, पंजाब सरकार की तरफ से डल्लेवाल के लिए खनौरी बॉर्डर पर ही अस्थायी अस्पताल भी बना दिया गया है। हालांकि डल्लेवाल और धरनारत किसान उन्हें धरना स्थल से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं करने पर अड़े हुए हैं।

सभी किसान संगठनों की शनिवार को पटियाला में एक सांझी बैठक हुई। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर राजनीतिक) की तरफ से किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, बलदेव सिंह जीरा, मनजीत सिंह राय, तेजवीर सिंह आदि ने हिस्सा लिया, वहीं एसकेएम से जोगिंदर सिंह उगराहां, बलवीर सिंह राजेवाल, रमिंदर पटियाला, डा. दर्शनपाल और जोगिंदर सिंह उगराहां ने भाग लिया।
बैठक में लंबी विचार चर्चा के बावजूद फिलहाल किसान संगठनों में एकता की बात सिरे नहीं चढ़ सकी। बैठक के बाद किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि एसकेएम (गैर राजनीतिक) की तरफ से एकता करने को लेकर पत्र लिखा गया था। इसी के जवाब में आज की बैठक रखी गई है। बैठक काफी अच्छे माहौल में हुई है। इस दौरान विचार-चर्चा की गई कि किस तरह से किसानों के हितों की इस लड़ाई को आगे लेकर जाना है। कैसे किसान संगठनों में एकता ला सकते हैं।

एकता लाने के लिए रखी गई थी बैठक

उगराहां ने कहा कि जल्द ही और बैठकें की जाएंगी, ताकि किसान संगठनों में एकता को सिरे चढ़ाया जा सके। इसके बाद पंधेर ने कहा कि आज की बैठक सभी किसान संगठनों में एकता लाने के प्रयास में रखी गई थी। बैठक काफी सकारात्मक माहौल में हुई है। आगे और बैठकें की जाएंगी, ताकि संगठनों में संपूर्ण एकता की जा सके।

किसान संगठन एकजुट होते तो सरकार की हिम्मत न होती

गौरतलब है कि जोगिंदर सिंह उगराहां लगातार किसान संगठनों में मतभेदों को उठाते रहे हैं। उगराहां ने बयान दिया था कि अगर सभी किसान संगठन एकजुट होते, तो केंद्र सरकार की हिम्मत न होती कि बैरिकेडिंग करके बॉर्डरों पर किसानों को रोक लेती। लगातार निशाने पर रहने के बाद पंधेर की तरफ से एसकेएम को पत्र लिखकर किसान आंदोलन में उनके साथ चलने की अपील की गई थी।

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