अखंड केसरी ब्यूरो:-राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने “बुड्ढा दरिया” की सफाई और पुनरोद्धार के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूती से व्यक्त करते हुए नगर निगम लुधियाना और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) को उन डेयरियों पर पर्यावरण मुआवजा (जुर्माना) लगाने के निर्देश दिए हैं, जो बुड्ढा दरिया में पशुओं का गोबर डालकर इसे प्रदूषित कर रही हैं। यह कदम उन्होंने बुड्ढा दरिया सफाई एवं पुनरोद्धार परियोजना की समीक्षा के बाद उठाया। इस समीक्षा बैठक में उपायुक्त साक्षी साहनी, नगर निगम आयुक्त संदीप ऋषि और अन्य प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया। संत सीचेवाल ने इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी धन का सदुपयोग कर इस परियोजना को सफल बनाया जाएगा और स्वच्छ पंजाब की दिशा में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
संत सीचेवाल ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि बुड्ढा दरिया की सफाई पंजाब सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, और जो भी डेयरियां या अन्य उद्योग इस दरिया को प्रदूषित कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पीपीसीबी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन रंगाई उद्योगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करें, जो अपने अनुपचारित जल को सीवेज लाइनों में छोड़कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका यह मिशन केवल डेयरियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उन सभी इकाइयों और उद्योगों पर लागू होगा जो किसी भी प्रकार से बुड्ढा दरिया को प्रदूषित कर रहे हैं।
संत सीचेवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बुड्ढा दरिया में खतरनाक भारी धातुएं छोड़ने वाली इकाइयों की पहचान करें और उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाएं। इस दिशा में पहले से उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया गया, जिसमें उपायुक्त साक्षी साहनी ने बताया कि अब तक 70 से अधिक डेयरियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, और कई के बिजली कनेक्शन भी काट दिए गए हैं। नगर निगम और पीपीसीबी को निर्देश दिया गया है कि वे उन डेयरियों को कारण बताओ नोटिस जारी करें और पर्यावरण मुआवजा लागू करें जो अब भी इन निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं।
अंत में, संत सीचेवाल ने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार “रंगला पंजाब” बनाने के अपने संकल्प में पूरी तरह से समर्पित है, और बुड्ढा दरिया की सफाई को लेकर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को यह भी हिदायत दी कि वे इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर न छोड़ें, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरा-भरा पंजाब बनाया जा सके।


