नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं, और युद्ध की आशंका गहराती जा रही है। इस तनाव की जड़ में हाल ही में हुई घटनाओं की श्रृंखला है, जिसने मध्य पूर्व के इस क्षेत्र को विस्फोटक स्थिति में ला खड़ा किया है। इजरायल के हाथों हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर फुआद शुक्र और तेहरान में हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। हिजबुल्लाह और ईरान दोनों ही इजरायल पर हमला करने की तैयारी में हैं, और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की मानें तो यह हमला कभी भी हो सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने G7 देशों को चेतावनी दी है कि सोमवार का दिन इजरायल के लिए बेहद संवेदनशील हो सकता है, क्योंकि ईरान और हिजबुल्लाह मिलकर इजरायल पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे हैं।
ईरान अपने हमलों को और तेज करेगा
यह चेतावनी अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दी गई है, जो इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को भांपते हुए अपनी चिंताओं को साझा कर रहे हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान और उसके समर्थक समूह हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ अपने हमलों की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। हिजबुल्लाह, जो ईरान द्वारा वित्तपोषित और समर्थित है, ने पहले ही संकेत दिए हैं कि वह इजरायल पर अपने हमलों को और तेज करेगा और इस बार उसके निशाने पर सिर्फ सैन्य ठिकाने नहीं बल्कि नागरिक इलाकों में भी होंगे। यह एक बेहद गंभीर स्थिति है, जिसे इजरायल ने भी महसूस किया है, और इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की है। इस बैठक में इजरायल के खुफिया प्रमुख, मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया, शिन बेट के प्रमुख रोनन बार, रक्षा मंत्री योव गैलेंट, और इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ हर्ज़ी हलेवी मौजूद थे।
बैठक के बाद नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि इजरायल किसी भी संभावित हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है, और वह ईरानी हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा। इस संदर्भ में, इजरायल की सेना और खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, और उन्होंने अपनी सभी संभावनाओं का आकलन करना शुरू कर दिया है।
ईरान समर्थन से इजरायल के खिलाफ अपने हमलों को और तेज करने की तैयारी
ईरान और हिजबुल्लाह की ओर से इजरायल के खिलाफ बढ़ते खतरे को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि क्षेत्रीय स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। हिजबुल्लाह के कमांडर फुआद शुक्र की हत्या ने इस संगठन को इजरायल के खिलाफ और आक्रामक बना दिया है। हिजबुल्लाह के पास पहले से ही मजबूत सैन्य क्षमता है, और यह ईरानी समर्थन से इजरायल के खिलाफ अपने हमलों को और तेज करने की तैयारी में है। 1980 के दशक से ही ईरान ने हिजबुल्लाह को एक शक्तिशाली मोर्चे के रूप में तैयार किया है, जो अब मध्य पूर्व में ईरानी हितों की रक्षा करता है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इस संगठन को वित्तीय और सैन्य समर्थन प्रदान किया है, जिससे यह क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गया है।
शनिवार को ईरान ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि हिजबुल्लाह अब इजरायल के खिलाफ अपने हमलों को और तेज करेगा, और इस बार उसका निशाना सिर्फ सैन्य ठिकाने नहीं होंगे। इस बयान के बाद से ही क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, और इजरायल ने भी अपने सभी सुरक्षा उपायों को मजबूत कर लिया है।
हाल ही में तेहरान में हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। ईरान का आरोप है कि इस हत्या के पीछे इजरायल का हाथ है, और इसे लेकर ईरान में आक्रोश है। हालांकि, इजरायल ने अब तक इस आरोप की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस घटना ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और बिगाड़ दिया है।
इन घटनाओं के मद्देनजर, इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की संभावना तेजी से बढ़ रही है। इजरायल ने साफ कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है, जबकि ईरान और हिजबुल्लाह भी किसी बड़े हमले की तैयारी में हैं। ऐसे में, मध्य पूर्व में आने वाले दिनों में स्थिति और भी अधिक विस्फोटक हो सकती है, और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।


