नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। बीते दिन ही धनखड़ ने राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र भेजकर पद से इस्तीफे की बात कही थी। उन्होंने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। मंगलवार को राज्यसभा को जगदीप धनखड़ के तत्काल प्रभाव से इस्तीफे के संबंध में गृह मंत्रालय की अधिसूचना (दिनांक 22 जुलाई) के बारे में सूचित किया गया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर धनखड़ के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने लिखा, ‘जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।’
सभापति का पद स्वत: रिक्त हुआ
छह माह में कराने होंगे उपचुनाव
कार्यकाल के बीच इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति
कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। वीवी गिरि ने 20 जुलाई, 1969 और आर वेंटकरमन ने 24 जुलाई, 1987 को पद से इस्तीफा दिया था। दोनों ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए यह कदम उठाया था। जबकि पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था।

सोमवार को पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय थे
सोमवार को पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय थे
प्रधानमंत्री, कैबिनेट सदस्यों और सांसदों का आभार जताया
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने लिखा कि चिकित्सकों की सलाह और स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देते हुए मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं। धनखड़ (74) ने अगस्त, 2022 में पद संभाला था। पेशे से वकील धनखड़ उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। धनखड़ ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट के सदस्यों के अलावा सभी सांसदों का भी आभार जताया।
उन्होंने लिखा, ‘मेरे कार्यकाल के दौरान महामहिम राष्ट्रपति से मिले सहयोग और शानदार कामकाजी संबंधों के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं प्रधानमंत्री और उनके पूरे मंत्रिमंडल के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री से मिला सहयोग व समर्थन अमूल्य था। उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा। संसद के सभी सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, भरोसा और स्नेह मिला उसे मैं हमेशा संजोकर रखूंगा और यह मेरी यादों में रहेगा।’
न्यायपालिका में शुचिता और किसानों के मुद्दों को लेकर मुखर रहे धनखड़


