क्या बोले अधिकारी
दो दशकों से नशे के खिलाफ लड़ाई चल रही
बता दें कि पंजाब में पिछले दो दशकों से नशे के खिलाफ लड़ाई चल रही है। इस दौरान राज्य की सत्ता में लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दल रह चुके हैं, लेकिन नशा रुकने का नाम नहीं ले रहा। अक्सर ये दल एक-दूसरे पर नशा फैलने का दोष मढ़ते रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान के तहत 1 मार्च से अब तक कुल 13,665 एफआईआर दर्ज, 18,424 गिरफ्तारियां, और 900 किलोग्राम हेरोइन, 332 किलो अफीम, 13 किलो चरस, 6 किलो क्रिस्टल मेथ (आइस) और 11.5 करोड़ रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई है।
सरकार का नशा खत्म करने पर फोकस
हाल के वर्षों में सरकार का फोकस नशा करने वाले पीड़ितों को जेल भेजने की बजाय नशा मुक्ति केंद्रों में भेजने पर रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 10,000 से अधिक नशा करने वालों को पुनर्वास केंद्रों या OOAT (आउट पेशेंट ओपिओइड असिस्टेड ट्रीटमेंट) क्लीनिकों में रजिस्टर कराया गया है। OOAT क्लीनिक में नशा करने वालों को दवाइयां दी जाती हैं ताकि वे नशे की लत से छुटकारा पा सकें। सरकार नशा करने वालों को सामान्य जीवन में वापस लाने की कोशिश कर रही है।


