दिल्ली :-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद से संबंधित महत्वपूर्ण सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। इस याचिका को रूल 7/11 के तहत दाखिल किया गया था, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए मस्जिद की संपत्ति पर अपना दावा प्रस्तुत किया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब सभी 18 याचिकाओं पर सुनवाई जारी रहेगी, जिसमें हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और उसकी जमीन पर हिंदुओं का अधिकार घोषित करने की मांग की है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि एक राष्ट्रीय धरोहर
हिंदू पक्ष ने अदालत में तर्क दिया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि एक राष्ट्रीय धरोहर है, जिसे वक्फ बोर्ड ने गलत तरीके से अपनी संपत्ति बताया है। उन्होंने वैज्ञानिक तथ्यों और ऐतिहासिक प्रमाणों का हवाला देते हुए अपने दावे को मजबूत करने की कोशिश की। हिंदू पक्ष की मांग है कि मथुरा में स्थित 13.37 एकड़ भूमि, जिस पर शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है, उसे हिंदुओं को सौंपा जाए और मौजूदा मस्जिद के ढांचे को हटाया जाए।
मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज
दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष ने वक्फ एक्ट और अन्य कानूनी नियमों का हवाला देते हुए इस मांग का विरोध किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में एक अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, और इस पर अंतिम निर्णय अभी तक नहीं आया है। कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस विवाद का निपटारा कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही किया जाएगा।
इस फैसले के बाद, श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद और भी अधिक जटिल हो गया है, और अब यह देखना होगा कि हाईकोर्ट में आगामी सुनवाई में क्या निर्णय लिया जाता है। इस मामले को लेकर देशभर में निगाहें इस कानूनी लड़ाई पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यह न केवल कानूनी बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का भी मुद्दा है।


