पंजाब में बारिश और बांधों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण 7 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का शामिल हैं। इनके अब तक करीब 150 से अधिक गांव प्रभावित हो चुके हैं। कई इलाकों में 5 से 7 फुट तक पानी भरा हुआ है।
फिरोजपुर में 2000 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर राहत कैंपों में पहुंचाया गया। सेना, एनडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियां राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बाढ़ प्रभावित एरिया में जमीन और पानी में चलने वाले वाहनों को उतारा गया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि आज (गुरुवार) को बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। इससे रावी नदी के उफान से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।
अमृतसर के अजनाला में पहले लगभग 15 गांव प्रभावित थे, अब यह आंकड़ा बढ़कर 25 के करीब पहुंच चुका है। यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रावी का जलस्तर लगातार बढ़ने से अमृतसर के कुछ गांव खाली कराए गए हैं। प्रशासन ने आज सुबह इसकी घोषणा की। हिमाचल और जम्मू में हुई बारिश के कारण तलवाड़ा पोंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान 1390 फीट से बढ़कर 1396 फीट तक पहुंच गया है। बीबीएमबी ने फैसला लिया है कि आज दोपहर 2 बजे 1 लाख 10 हजार क्यूसिक पानी ब्यास दरिया में छोड़ा जाएगा। इसके लिए हिमाचल और पंजाब के सभी गांवों में हाई अलर्ट किया गया है और सिविल प्रशासन को हर आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
इसी तरह रणजीत सागर बांध का जलस्तर भी खतरे के निशान 527 फीट तक पहुंच चुका है। हालांकि, भाखड़ा बांध का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, फिर भी इसके 4 गेट खोले गए हैं। पठानकोट और गुरदासपुर में बाढ़ से लोगों की परेशानियां अधिक बढ़ गई हैं। यहां अधिकांश गांवों में पानी भरा हुआ है। रावी नदी पर बने माधोपुर हेडवर्क्स के गेट टूट गए थे। वहीं, पानी भरने के कारण पठानकोट-जम्मू हाईवे पर भी यातायात बाधित हो गया।









